नोएडा। स्वास्थ्य विभाग ने अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में बृहस्पतिवार को जन्मजात विकृति जागरूकता दिवस मनाया। इस अवसर पर जन्मजात विकृतियों के बारे में बताया गया और चिकित्सकीय प्रबंधन की भी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सीएमओ सुनील कुमार शर्मा, एसीएमओ डॉ ललित कुमार, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की डीईआईसी प्रबंधक रचना वर्मा, आरबीएसके की टीम के सदस्य, अनुष्का फाउंडेशन से प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव प्रीति खंडूरी उपस्थित रहीं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया- जन्मजात दोष जन्म के समय मौजूद संरचनात्मक परिवर्तन हैं जो हृदय, मस्तिष्क, पैर जैसे शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। वह शरीर के दिखने वाले अंग, काम करने के तरीके या दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। इसी तरह क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है, जिससे कि हर 800 नवजात में से एक बच्चा प्रभावित होता है। देश में हर साल 33,000 बच्चे इस विकृति के साथ पैदा होते हैं। उन्होंने कहा- क्लबफुट एक जन्मजात बीमारी जरूर है लेकिन इसका उपचार संभव है।
उन्होंने बताया- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत क्लब फुट जैसी 42 जन्मजात बीमारियों एवं दोषों की स्क्रीनिंग की जाती है ताकि जल्द से जल्द उचित उपचार मुहैया कराया जा सके। स्वयंसेवी संस्था अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट पिछले पांच साल से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ काम कर रही है। क्लबफुट जन्म के नौ दोषों में से एक है, जिसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा प्राथमिकता दी गई है।
अनुष्का फाउंडेशन से प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव प्रीति खंडूरी ने बताया- वर्तमान में क्लबफुट से पीड़ित 13000 से भी अधिक बच्चों का इलाज संस्था करवा रही है। पोन्सेटी पद्धति का इस्तेमाल करके क्लबफूट से पीड़ित सभी बच्चों का आसानी से उपचार किया जा सकता है। पोन्सेटी विधि एक न्यूनतम लागत की सर्वोत्तम प्रक्रिया है और पूर्ण रूप से प्रभावी समाधान प्रदान करती है।
उन्होंने बताया- क्लबफुट का यदि सही समय पर उपचार नहीं कराया जाए तो बच्चा जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है। इलाज न किये जाने पर प्रभावित बच्चों में भेदभाव, उपेक्षा, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ, अशिक्षा, शारीरिक एवं यौन शोषण का खतरा अधिक बढ़ जाता है। क्लब फुट क्यों होता है इसका कोई विशिष्ट कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। इस समस्या में माँ अथवा बाप का कोई हाथ नहीं है। यह विकृति न तो ग्रहण की वजह से होती है और न ही माँ से बच्चे को फैलती है। उन्होंने बताया- यदि कोई बच्चा क्लबफुट का शिकार है तो उसके अभिभावक उपचार के लिए अनुष्का फाउंडेशन के प्रतिनिधि के मोबाइल नंबर 7304569194 पर संपर्क कर सकते हैं। संस्था की ओर से इसका उपचार मुहैया कराया जाता है, जिसका कोई शुल्क नहीं लगता है। अनुष्का फाउंडेशन देश के कुल 140 जिलों में क्लबफुट का उपचार प्रदान करवा रहा है। अनुष्का फाउंडेशन का उद्देश्य जिला अस्पतालों में आर्थोपेडिक चिकित्सकों की क्षमता बढ़ाकर स्थानीय स्तर पर उपचार प्रदान करवाना है।