मुजफ्फरनगर। एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अलनूर मीट प्लांट को सील कर दिया गया है। कुछ अन्य पेपर उद्योगों पर भी प्रदूषण विभाग ने कार्यवाही कर नोटिस जारी किया है और जुर्माना भी लगाया गया है, जिससे हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि एनजीटी की जांच में अलनूर मीट प्लांट मानकों पर खरा नहीं उतरा है, जिस पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अलनूर मीट प्लांट को सील कर दिया। जानकारी के अनुसार अलनूर मीट प्लांट को सील कर दिया गया है, जबकि जनपद में जल प्रदूषण वायु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग के खिलाफ उद्योगों पर कारण बताओं नोटिस तथा जुर्माना लगाने की कार्यवाही की गई।
सुमित मलिक ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत तथा डीएम वार्ड रूम नंबर पर शिकायत के उपरांत 22 पेपर मिलों को नोटिस जारी किया गया। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अलनूर एक्सपोर्ट जानसठ रोड का संचालन जांच पड़ताल के उपरांत जल अधिनियम के अंतर्गत जल प्रदूषण फैलाने के कारण लखनऊ से बंदी के आदेश किए गए तथा मै. गैलेक्सी पेपर मिल लि. 9 किलोमीटर जौली रोड, मै. शाकुंभरी पेपर एंड पेपर मिल्स लिमिटेड भोपा रोड में प्रतिबंधित ईंधन प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग किए जाते पाए जाने पर 1०-1० लाख की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित करते हुए कारण बताओं नोटिस निर्गत किया गया।
मै. त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड एल्को केमिकल कंपलेक्स भिक्की बिलासपुर जौली रोड पर जल अधिनियम की धारा 33ए के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी कर 7.5०००० लाख की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया गया है। इंडियन पोर्टल्स लिमिटेड तितावी शुगर मिल तितावी पर कारण बताओं नोटिस जारी कर 2० लाख 1० हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। मै. राना स्टील इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मेरठ रोड के उद्योग की जांच पड़ताल के उपरांत बंदी के आदेश किए गए 1.25००० लाख का जुर्माना वायु प्रदूषण भी लगाया गया। मै. विनायक इंडस्ट्रीज जानसठ रोड पर वायु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग पर प्रदूषण विभाग द्वारा जांच पड़ताल के उपरांत सील किया गया तथा 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
जनपद में स्थापित पेपर मिल पैरोलीज प्लांट्स उद्योगों से हो रहे जल एवं वायु प्रदूषण एवं प्लास्टिक पॉलिथीन वेस्ट के प्रयोग किए जाने के संदर्भ में जनपद स्थित उद्योगों का समय बंद निरीक्षण करते हुए रात्रि के समय जांच पड़ताल के उपरांत जुर्माना लगाया गया। लगभग 35 कोल्हूओं पर प्रतिबंधित ईंधन का प्रयोग पाए जाने पर कोल्हू संचालक के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 133 के अंतर्गत कार्यवाही एवं पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरूपित किए जाने हेतु संबंधित उप जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किए गए प्रदूषण टीम के द्वारा पाई गई कमियों के आधार पर 22 पेपर मिलो उद्योगों के कारण बताओं नोटिस की संस्कृति बोर्ड मुख्यालय की परीक्षित की गई थी।
जनपद में पॉलीथिन प्लास्टिक वेस्ट के आगमन एवं भंडारण पर रोक लगाई जाने हेतु भंडारण स्थलों को सील किया गया। संबंधित संचालक एवं वाहन स्वामियों के विरुद्ध लगभग 28 एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन इतनी कार्रवाई होने के पश्चात भी भंडारण निरंतर चल रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों द्वारा पन्नी कचरा जलाकर वायु प्रदूषण फैला जा रहा है तथा बिना फिल्टर किए नालों में जमीन के अंदर बोरिंग के माध्यम से जल प्रदूषण फैलता जा रहा है, पर शासन की कार्यवाही की आवश्यकता है।