Tuesday, November 5, 2024

कांग्रेस ने केदारनाथ मंदिर में सोने का रंग बदलने पर सरकार और बीकेटेसी को घेरा, एसआईटी की मांग

देहरादून। कांग्रेस ने केदारनाथ मंदिर के दीवारों पर स्वर्णजड़ित होने के बाद रंग छोड़ने और तांबा-पीतल दिखने की शंका पर बीकेटीसी से सवाल करते हुए सरकार से एसआईटी बैठाकर जांच की मांग की। कांग्रेस का साफ कहना है कि सरकार 230 किलो के सोने के प्रचार के बाद अब 23 किलो की सोने की बात कह रही है। यह गंभीर मामला है।

कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत की उपस्थित में पत्रकार वार्ता में केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों पर लगाई गईं सोने की परतों को लेकर सरकार पर हमला बोला।

इस दौरान गणेश गोदियाल ने कहा कि, “जब मैं बदरी-केदार मंदिर का अध्यक्ष था तो उस समय भी सोने का दान में देने की एक बड़े व्यक्ति ने बात कही थी और उसके कहने पर में मुम्बई गया और उससे वार्ता की”। “जब सोने की वजन और उसकी गुणवत्ता की बात की तो उन्होंने उनका अपमान कर बाहर जाने को कहा और हम वहां से आ आए। वार्ता के दौरान उन्होंने एक बात कही थी कि हजारों किलो सोना सोमनाथ मंदिर में दे दिया”। उसी व्यक्ति ने सोना केदारनाथ में दान दिया है। गोदियाल ने कहा कि सोमनाथ मंदिर में एक व्यक्ति ने आरटीआई लगा कर सोने का दान करने वाले दानदाता का नाम मांगा तो वहां से जवाब आया कि इसका जवाब देना उचित नहीं है।

गणेश गोदियाल ने कहा कि मंदिर समिति ने पहले इस सोने को 230 किलो का सोना बताया था, जिसे अब 23 किलो बताया जा रहा है बाकी सोना कहां गया? मंदिर समिति ने उसका खंडन क्यों नहीं किया। मंदिर समिति ने अपने स्टाक रजिस्टर में इस सोने की एंट्री की है। जबकि मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि दानदाता ने अपने आप ही सोना लगाया। बिना जांच के समिति रजिस्टर में क्यों इसकी एंट्री की गई। इसके अलावा पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी जनता के सामने आए जिनकी भी भूमिका इस सोने को लगाने में है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार एक विशेष एसआईटी का गठन कर मामले की निष्पक्ष जांच कराए। कांग्रेस सरकार के साथ सहयोगी के रूप में कार्य करेगी और इससे देश भर में मंदिर के नाम पर सोने का खेल करने वाले का पर्दाफाश हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखंड की छवि और विश्वास को नुकसान पहुंचा है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीकेटीसी से सवाल करते हुए कहा कि केदारसभा और पुरोहितों ने सवाल उठाए हैं, उन सवालों का तर्कसंगत जवाब देना चाहिए। मंदिर समिति और राज्य के मुख्यमंत्री सही जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? सरकार सवालों से बचने के लिए आस्था पर चोट को ढ़ाल बना कर उपयोग कर रही है। सवाल उठाने वाले आस्थावान हैं या गड़बड़ी करने वाले। कांग्रेस आस्था की आड़ में गड़बड़ घोटाले और सामूहिक लूट को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण और एसआईटी का गठन कर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय