Thursday, January 30, 2025

अभिभाषण में महंगाई, बेरोजगारी और आम जनता की समस्याओं का जिक्र नहीं- कांग्रेस

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में महंगाई, रोजगार, सीमा की सुरक्षा और आम आदमी की समस्याओं का कोई जिक्र नहीं है।

सदन में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह अभिभाषण ‘थका हुआ, हारा हुआ और पहले से कम हुआ है।’ सरकार को चुनाव परिणाम पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उसकी समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में 40 वर्षों की रिकॉर्ड महंगाई का कोई जिक्र नहीं है। कांग्रेस सदस्य ने मणिपुर हिंसा को उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार की इस पर लगातार चुप्पी बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। नौजवानों को रोजगार नहीं दिया गया है। विनिर्माण क्षेत्र में कारखाने बंद हो रहे हैं। पेट्रोल डीजल की कीमत तेल लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि गंगा सफाई अभियान के नाम पर धोखा हुआ।

तिवारी ने कहा कि बुलेट ट्रेन का वादा पूरा नहीं किया गया। किसानों को उचित दाम नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी बांड के नाम पर धोखाधड़ी की गई है। यह सबसे बड़ी धोखाधड़ी है। ऐसी कंपनियों से धन लिया गया है जिन्होंने आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया है।

इससे पहले असम गण परिषद के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा फिर से शुरू करते हुए कहा कि देश के विकास में सभी का सहयोग होना चाहिए और विकास के लिए दलगत राजनीति से परे उठना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के दूरदराज के हिस्सों में विकास का लाभ पहुंचाने के लिए सभी को साथ आना होगा।

भारतीय जनता पार्टी के अशोक राव शंकर राव चव्हाण ने कहा कि संविधान बदलने की धारणा गलत है, लेकिन यह बन गई है। उन्होंने कहा कि संसद में सभी नेताओं को तथ्यों पर और सच्चाई के साथ अपनी बात करनी चाहिए क्योंकि पूरा देश इस पर भरोसा करता है। संसद में महापुरुषों की मूर्तियां प्रतिस्थापित करने पर भी ऐसे ही धारणा बनाई जा रही है।

चव्हाण ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि नीट परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी परीक्षाओं में आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत है जिसमें छात्रों और अभिभावकों का ही सुरक्षित रह सके। इस पर गहराई से सदन में चर्चा होनी चाहिए।

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