जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के कवर्धा लोहारीडीह हत्याकांड को लेकर बड़ा आदेश दिया है। जांच में लापरवाही बरतने पर शासन की गलती स्वीकार की, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने शुक्रवार को मृतक कांग्रेस नेता कचरू साहू के शव को कब्र खोदकर निकालने और डाक्टरों की टीम से री-पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि 15 सितंबर को लोहारीडीह (मप्र सीमा) में कचरू की लाश पेड़ पर लटकती मिली थी। आरोप था कि बीजेपी नेता के बेटे ने हत्या की साजिश रची थी। मृतक कचरू उर्फ शिव प्रसाद साहू की बेटी व मां की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। पूर्व में एकलपीठ से याचिका निरस्त होने के बाद युगलपीठ में अपील पेश की गई। अपीलार्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा, शशांक शेखर व हर्षित बारी ने पैरवी की।
शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें शुरुआती जांच में गलती होना स्वीकार किया। छत्तीसगढ़ शासन ने अपने जवाब में यह भी कहा कि घटना के बाद जिस तरह परिस्थितियां बन रही थी, उसे देखते हुए शार्ट पोस्टमॉर्टम कराया गया था। शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मृतक कचरू साहू के शव को उसकी नौ साल की बेटी को सौंप दिया था। जिसके बाद शव स्वजनों की उपस्थिति में लाश को दफना दिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, तब वहां के महाधिवक्ता ने जवाब में बताया था कि शव को स्वजनों को सौंपा गया है। जबकि, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश शासन की ओर से कहा गया कि शव उसकी बेटी को सौंपा गया था।
मप्र हाई कोर्ट में दायर याचिका में छत्तीसगढ़ सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है। इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ की पुलिस ने इस घटना के बाद हुए बवाल और आरोपितों के घर में आगजनी और जिंदा जलाने के केस में बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मृतक कचरू साहू की पत्नी भी आरोपित है और वो जेल में बंद है।
याचिका में हत्या का केस दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी करने की मांग की गई थी। पूर्व में युगलपीठ ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मध्य प्रदेश पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया। कोर्ट को बताया गया कि चार आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया।
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि घटना के बाद पुलिस ने जिस तरह से कार्रवाई की उसे लेकर भी आपत्ति है। पहले फांसी लगाने से मौत की बात कही। फिर पुलिस की जांच पर सवाल उठने पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया।
विवेक तन्खा ने पूरी घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच के साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देशित किया है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम से परिवार वालों की मौजूदगी में मृतक कांग्रेस नेता कचरू साहू शव का पीएम कराएं और रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाए।