नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अडानी समूह ने कोयला के दामों में हेराफेरी की है। इसके कारण देश में बिजली के दाम बढ़े हैं। इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए, जिससे मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि हाल में कई मीडिया रिपोर्ट्स में हुए खुलासों ने अडानी ग्रुप और अडानी के विश्वसनीय लोगों के बीच के घनिष्ठ संबंधों के गुप्त नेटवर्क को और स्पष्ट रूप से सामने ला दिया है। जो न सिर्फ़ कथित तौर पर राउंड-ट्रिपिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है बल्कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के कानूनों का खुलेआम उल्लंघन भी करता है। इन खुलासों में दो नाम सामने आए हैं।
रमेश ने कहा कि पहला नाम चांग चुंग-लिंग और दूसरा नाम नासिर अली शाबान अहली का है। चांग और अहली की पहचान बिचौलिए के रूप में हुई है। कथित तौर पर इन्होंने अडानी की ओर से इंडोनेशिया से भारत में आयात किए गए कोयले की ओवर इनवासिंग करके लगभग 12,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। इसके कारण भारत में बिजली की कीमतों में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि चांग और अहली को ऑफशोर शेल कंपनियों के लाभ प्राप्त करने वाले मालिकों के रूप में भी दिखाया गया है। इन्होंने शेयर की कीमतों में हेरफेर को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए सेबी के नियमों का खतरनाक ढंग से उल्लंघन करके अडानी ग्रुप की कंपनियों में बड़े पैमाने पर बेनामी पैसा लगाया है। रमेश ने कहा कि अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगे हैं लेकिन मोदी सरकार उसकी जांच नहीं करवा रही है। ऐसे में मामले की जांच के लिए जेपीसी का गठन जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले अडानी समूह पर हिंडनबर्ग ने वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भी जेपीसी जांच की मांग की थी।