गाजियाबाद। डीएम की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक का आयोजन दुर्गावती देवी सभागार, विकास भवन में हुआ। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया और योजनाओं के बारे में चर्चा की गयी। इस दौरान डीएम ने कार्यों में सुधार के आदेश दिए।
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ओपीडी में हुई वृद्धि
ओपीडी में विगत वर्ष के सापेक्ष 95350 की वृद्धि हुई एवं आईपीडी विगत वर्ष के सापेक्ष 18431 वृद्धि हुई है। इसी के साथ प्रति डॉक्टर प्रति दिवस ओपीडी की संख्या 62.7 रही। जो नवम्बर माह तक सिर्फ 52 ओपीडी प्रति चिकित्सक प्रतिदिन थी। आशाओं के द्वारा बनाये गए आभा आईडी का औसत प्रति आशा 824 है।
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टेली कंसल्टेशन का दिए गए लक्ष्य 5 के सापेक्ष 5.47 प्रतिशत
ई—संजीवनी कार्यक्रम में प्रति सीएचओ प्रतिदिन किये जाने वाले टेली कंसल्टेशन का औसत राज्य स्तर से दिए गए लक्ष्य 5 के सापेक्ष 5.47 है। मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम में एएनसी पंजीकरण में अब तक 92461(139.14%) का पंजीकरण हुआ है। जिसमें से 84.60 प्रतिशत महिलाओं का प्रथम तिमाही में पंजीकरण हुआ है। इसमें कुल पंजीकृत महिला में से 5572 गर्भवती महिला को उच्च जोखिम वाली गर्भवती की पहचान करते हुए विशेष ध्यान देते हुए इनका उपचार करते हुए इन्हें संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित किया गया।
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87.07 प्रतिशत प्रसव संस्थागत
इसी प्रकार 62549(87.07%) महिलाओं का राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में सुरक्षित संस्थागत प्रसव हुआ है जिसमें से राजकीय चिकित्सालय में 14289 प्रसव हुए है जिसमें से 13267 लाभार्थियों(92.8 %) को जेएसवाई प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया। उक्त समस्त राजकीय प्रसव के लाभर्थियो की ऑनलाइन प्रविष्टि मंत्रा एप्प में संपन्न कर दी गयी है। जनपद में अप्रैल से अब तक 23 मातृ मृत्यु की रिपोर्टिंग हुई है जिसमें से समस्त की समीक्षा विभाग द्वारा संपन्न कर ली गयी है। अप्रैल से अब तक 116 प्रतिशत बच्चों को एमआर-1 की खुराक से लाभान्वित किया गया है। महिला नसबंदी में अब तक कुल 2140 (96.5 %) संपन्न की गयी है।