मेरठ। मेरठ के थाना लिसाड़ीगेट क्षेत्र से आठ साल के बालक को अगवा कर उसको मारने और बोरे में भरकर फेंकने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया है। मामले में पुलिस ने दो किशोरों को पुलिस अभिरक्षा में लिया है। दोनों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
बताया जाता है कि बाइक मिस्त्री के भाई दो किशोरों ने उमर से मारपीट की और उसका गला दबा दिया। इससे उमर बेहोश हो गया और आरोपी उसे मरा समझकर बोरे में बंदकर फेंक गए थे। पुलिस ने दोनों किशोरों को अभिरक्षा में लेकर कार्रवाई की है।
सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार ने बताया कि लिसाड़ी गेट क्षेत्र निवासी इरफाना ने बेटे उमर को अगवा करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया। इरफाना का पति समर गार्डन निवासी जमालुद्दीन सऊदी सउदी अरब में नौकरी करता है।
इरफाना का कहना था कि उमर मस्जिद में पढ़ने के लिए घर से गया था। कुछ देर बाद जब उमर का छोटा भाई मस्जिद में पहुंचा तो वह वहां नहीं था। उसने घर आकर मां को जानकारी दी। लगभग आधे घंटे बाद मासूम कब्रिस्तान व श्मशान के पास बोरे में बंद मिला। युवती ने रोने की आवाज सुनकर उसे बोरे से निकाला था।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि इस मामले में 11 और 13 साल के दो किशोरों को पकड़ा। दोनों ने झगड़े के बाद बच्चे को बोरे में बंद कर फेंक दिया था।