नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कानून के समक्ष समानता को लोकतांत्रिक शासन के लिए सर्वोत्कृष्ट करार देते हुए गुरुवार को कहा कि भ्रष्टाचार और संरक्षण युवा प्रतिभा के लिए सबसे घातक है।
उपराष्ट्रपति ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के 125 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और संरक्षण युवा नवोन्वेषी दिमागों के लिए सबसे घातक हैं। इन से योग्यता और क्षमता प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि युवा लोग भ्रष्टाचार से नफरत करते हैं क्योंकि वे भाई-भतीजावाद, पक्षपात से ठगा हुआ महसूस करते हैं।
प्रशासनिक सुधारों की चर्चा करते हुए धनखड़ ने कहा कि सत्ता गलियारे अब भ्रष्ट तत्वों से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं और एक पारदर्शी, जवाबदेह प्रणाली स्थापित हो गई है। उन्होंने कहा कि योग्यता का बोलबाला है और युवा आकांक्षा कर सकते हैं, अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं और अपनी क्षमता का पूरा लाभ ले सकते हैं।
उन्होंने कहा , “कानून के समक्ष समानता लोकतांत्रिक शासन के लिए सबसे अपरिहार्य विशेषता है। ” उन्होंने कहा कि अब कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, कानून के लंबे हाथ हर किसी तक पहुंच रहे हैं, खासकर उन लोगों तक जिन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें कानून के प्रति जवाबदेह ठहराया जाएगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कानून का सम्मान राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और योग्यता का सम्मान है। कानून का सम्मान भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा रहा है। विशेष रूप से सत्ता और सत्ता के पदों पर बैठे लोगों का यह प्रमुख दायित्व है कि वे कानून के प्रति सम्मान दिखाकर एक उदाहरण स्थापित करें।