मुजफ्फरनगर। गैंगस्टर विक्की त्यागी हत्याकांड में चर्चाओं में आये सागर मलिक के भाई सौरभ को कोर्ट ने किशोर मानने से इंकार कर दिया है और उनकी माता द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है।
अभियुक्त सौरभ की माता व संरक्षिका बबली पत्नी विक्की मलिक ने न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 13 की जज मंजुला भालोटिया के समक्ष अर्जी दाखिल की थी कि सौरभ नाबालिग है और उसे किशोर घोषित किया जाये, जिसमें बताया गया था कि उसकी जन्मतिथि 27 जुलाई 1995 है, जिस मामले में वह आरोपी है, वह घटना 11 जुलाई 2013 को हुई थी और उस दिन सौरभ की आयु 17 साल 11 माह 14 दिन थी, जिसके हिसाब से घटना के समय सौरभ को किशोर घोषित किया जाये, क्योंकि वह उस समय नाबालिग था।
इस मामले में सौरभ के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई, जिसमें उसके दो नाम अंकित मिले, एक प्रमाण पत्र में उसका नाम सौरभ पुत्र सुरेश है, जबकि दूसरे प्रमाण पत्र में उसका नाम सौरभ पुत्र विक्की मलिक है। जांच में पाया गया कि उक्त प्रमाण पत्र फर्जी है। इसी कारण सौरभ की आयु निर्धारण के लिये मेडिकल बोर्ड बनाने से भी कोर्ट ने इंकार कर दिया। कोर्ट ने अभियुक्त सौरभ निवासी ग्राम बहावडी की ओर से दायर की गई याचिका खारिज कर दी और उसे घटना के समय बालिग माना है।