Tuesday, September 17, 2024

मुजफ्फरनगर: ग्राम रोहाना खुर्द मंदिर प्रकरण में कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, सभी आरोपी बरी

मुजफ्फरनगर। ग्राम रोहाना खुर्द मंदिर प्रकरण में आज ऐतिहासिक फैसला हुआ, जिसमें विगत 6 सितम्बर 2012 को ग्राम रोहाना खुर्द के नरेंद्र सैनी तत्कालीन जिला कार्यकारिणी सदस्य समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश व पूर्व ग्राम प्रधान रोहाना खुर्द द्वारा तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव व समाजवादी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के सहयोग से एक झूठा मुकदमा ग्राम रोहाना खुर्द के त्यागी समाज के संजीव भारद्वाज पुत्र रामगोपाल पूर्व अध्यक्ष कोऑपरेटिव सोसाइटी बहेड़ी व ब्लॉक अध्यक्ष किसान यूनियन तथा अनुज पुत्र अमरीश मणिकांत पुत्र शिवकांत नंदपाल पुत्र जयमल पिंकित पुत्र दिनेश व सतीश भारद्वाज पुत्र जयपाल मुकेश त्यागी पुत्र प्रताप त्यागी वह 20-25 अन्य लोगों के विरुद्ध थाना कोतवाली नगर पर मुकदमा अपराध संख्या 1187 सन 2012 धारा 395 आईपीसी सरकार बनाम अनुज आदि पंजीकृत कराया था, जिसमें दौरान विवेचना विवेचक द्वारा उपरोक्त सातों व्यक्तियों के विरूद्ध आरोप पत्र अंतर्गत धारा 395 आईपीसी दिनांक 16 _2 _2013 को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था तथा उक्त केस का सत्र परीक्षण नंबर 667 सन 2016 सरकार बनाम अनुज आदि धारा 395 आईपीसी थाना कोतवाली नगर न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्पेशल पॉक्सो कोर्ट नंबर एक की न्यायाधीश श्रीमती मंजुला भलोटिया के न्यायालय में विचरण हुआ, जहां अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाह पेश किए गए तथा सभी अभियुक्त गण की ओर से संदीप त्यागी एडवोकेट व आबिद तेवड़ा व टीटू सिंह एडवोकेट द्वारा पैरवी की गई ।

 

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उक्त केस में वादी नरेंद्र सैनी द्वारा मनोज शर्मा व सतीश शर्मा आदि निवासी रोहाना खुर्द से अपनी मां के नाम दिनांक 5 सितंबर 2012 को बैनामा लेना बताया गया, जिसे संजीव भारद्वाज आदि ने सिविल जज के यहां चुनौती दी तथा तत्कालीन जिला जज श्रीमति विजय लक्ष्मी द्वारा उक्त केस में रिसीवर नियुक्त किया गया तथा नरेंद्र सैनी द्वारा जो बैनामा अपनी मां के हक में लिया जाना बताया, उसे सही नहीं माना तथा उसका मुकदमा आज भी विचाराधीन है । नरेंद्र सैनी जबरदस्ती तत्कालीन सत्ता के बल पर मंदिर की जगह पर जो ग्राम रोहाना खुर्द में करीब 600 साल से शिवजी व माता शेरावाली व गणपति का मंदिर है, की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करना चाहता था, जब त्यागी समाज के लोगों ने रोका तो समाजवादी पार्टी की सत्ता का दुरुपयोग कर इन लोगों के खिलाफ झूठा मुकदमा लूट का लिखा दिया।

 

 

पूर्व प्रधान नरेंद्र सैनी व वर्तमान प्रधान, उसकी भाभी तथा भाई व पिता ने अभी भी गांव की सार्वजनिक भूमि पर कब्जा कर लिया था, जिसके संबंध में ग्राम रोहाना खुर्द के लेख पाल धर्मेंद्र द्वारा इन लोगों के खिलाफ शहर कोतवाली पर मुकदमा लिखाया गया है, जो विचाराधीन है। वर्ष 2012 से त्यागी समाज के उक्त लोग अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। उक्त केस की सुनवाई कई बार हो चुकी थी, परंतु फाइनल रूप से पॉक्सो कोर्ट नंबर 1 की न्यायाधीश श्रीमती मंजुला भलोटिया द्वारा की गई तथा दोनों पक्षों की करीब एक सप्ताह तक बहस सुनने के बाद तथा पत्रावली का गहनता से विश्लेषण कर विधि व्यवस्था के आधार पर आज उक्त सत्र परीक्षण में सभी अभियुक्तों को निर्दोष पाया गया तथा उन्हें उक्त केस में बाइज्जत बरी किया गया।

 

 

सभी अभियुक्तों ने न्यायालय पर पूर्ण रूप से भरोसा जताया तथा आभार व्यक्त किया तथा सभी ने एक स्वर में कहा कि भगवान शंकरजी ने सावन के महीने में हम सबको न्याय दिलाया है। यह सत्य की जीत हुई है। वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप कुमार त्यागी ने भी बहुत ही ईमानदारी व लगन से केस की पैरवी की। समाजवादी सरकार में हम सबको बहुत पीड़ित व अपमानित होना पड़ा तथा आज भी मंदिर की एक मूर्ति जो खंडित हो गई, उसे भी वर्तमान ग्राम प्रधान के जेठ नरेंद्र सैनी द्वारा मरम्मत नहीं करने दी जा रही थी, हम सबको भगवान के इंसाफ पर और न्यायालय पर पूर्ण रूप से भरोसा था।

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