जबलपुर। फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत को जबलपुर की विशेष न्यायालय ने देश को आजादी भीख में मिलने के बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। दरअसल, कंगना ने नवंबर 2021 में एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘असली आजादी हमें 2014 में मिली, 1947 में तो भीख मिली थी।’ इस बयान के खिलाफ 2021 में ही जबलपुर जिला न्यायालय में अधिवक्ता अमित साहू ने कम्प्लेंट फाइल की थी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि एक सेलिब्रेटी होने के बाद भी कंगना का यह बयान शर्मसार करने वाला है।
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी विश्वेश्वरी मिश्रा की विशेष न्यायालय में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। परिवादी जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमित कुमार साहू ने अपना पक्ष स्वयं रखा। उन्होंने दलील दी कि यह परिवाद 2021 में दायर किया गया था। इससे पूर्व अधारताल थाने में लिखित शिकायत दी गई थी। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस अधीक्षक को पत्र सौंपा गया। इसका भी नतीजा न निकलने पर परिवाद दायर कर दिया गया। कोर्ट ने माना है कि कंगना का बयान सही नहीं है। कोर्ट ने कंगना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 05 नवंबर 2024 को होगी।
अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज हो मामला
याचिकाकर्ता अधिवक्ता अमित साहू ने बताया कि आपत्ति का मुख्य बिंदु यह है कि देश को आजादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से मिली थी। उसके बावजूद अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने बयान में कहा था कि 1947 में आजादी भीख में दी गई थी। हमको असली आजादी 2014 में मिली है। इस तरह के अनुचित बयान को गंभीरता से लेकर मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया जाए। इसी मांग के साथ अदालत की शरण ली है।
हालांकि, कंगना अपने इस बयान को लेकर पहले ही माफी मांग चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि यदि मेरे अपने बयान से किसी को निराशा हुई है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।