पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने सरकार से सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये मासिक करने की मांग की।
भाकपा-माले सदस्य महबूब आलम ने मंगलवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से कहा कि 400 रुपये की मासिक पेंशन राशि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। साथ ही बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसे बढ़ाकर 3000 रुपये मासिक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रहा है लेकिन इसके तहत दी जाने वाली मौजूदा राशि काफी कम है।
मंत्री श्रवण कुमार ने ध्यानाकर्षण के जवाब में लाभार्थियों और दी जा रही पेंशन राशि का विवरण बताया और कहा कि एक करोड़ एक लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा मासिक पेंशन मिल रही है। लाभार्थियों में 76 लाख 83000 को वृद्धावस्था पेंशन, 13 लाख 35000 को विधवा पेंशन और नौ लाख 82 हजार विशेष योग्यजनों को भी पेंशन मिल रही है।
कुमार ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर सालाना 4951 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें से 1436 करोड़ 78 लाख रुपये केंद्र द्वारा प्रदान किए जाते हैं और शेष 3515 करोड़ रुपये राज्य का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं है।
इस पर आलम ने कहा कि पेंशन की सबसे अधिक जरूरत श्रमिक वर्ग को होती है क्योंकि बुढ़ापे में उनकी स्थिति दयनीय हो जाती है। उन्होंने सरकार से मासिक पेंशन राशि बढ़ाने के लिए धन की व्यवस्था करने को कहा।
मंत्री कुमार ने कहा कि सरकार मजदूरों के साथ-साथ वृद्धों को भी कई सुविधाएं दे रही है इसलिए पेंशन में बढ़ोतरी पर विचार नहीं किया जा रहा है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाकपा-माले सदस्य सदन के बीच में आ गए और कुछ मिनट तक अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाने के बाद अपनी सीटों पर फिर से बैठ गए।