Tuesday, June 25, 2024

स्वास्थ्य एवं आयुवर्धक है दही

दूध को पूर्ण आहार माना गया है जिसमें आहार के सभी घटक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं लेकिन दूध से बना भोज्य पदार्थ दही भी स्वास्थ्य के लिये परम उपयोगी है। पेट के रोगियों तथा पाचन शक्ति के कमजोर व्यक्तियों के लिये दही बड़ा हितकर है। आयुर्वेद में दही को वात कफ दोष नाशक तथा मूत्र वर्द्धक कहा गया है।

पौष्टिकता की दृष्टि से भी दूध से दही उत्तम माना गया है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन बी 12 तथा फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं। शास्त्रों में दही को दीर्घ जीवन देने वाला बताया गया है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

दही के अतिरिक्त छाछ व मट्ठा भी गुणकारी माने गये हैं। इनमें चिकनाई का अंश कम मात्रा में रहता है और सुपाच्य होने से हजम करने में आमाशय को अधिक श्रम नहीं करना पड़ता। जिन लोगों को दूध वायु करता हो, दस्तावर हो, उनको दही लेने के लिये परामर्श दिया जाता है।

भाव मिश्र ने तक्र  या मट्ठा की तुलना अमृत से की है। आयुर्वेद में तक्र  द्वारा किये गये उपचार के पश्चात् पुन: रोगोत्पति नहीं होने का वर्णन है।

दूध में थोड़ा सा दही मिला देने से सारा दूध दही में बदल जाता है। दूध से दही बनाना एक ऐसी रसायनिक क्रिया है जो एक विशेष बैक्टीरिया और केसीन प्रोटीन के बीच होती है। दूध में केसीन नाम का प्रोटीन होता है जिससे दूध हमें सफेद दिखलाई पड़ता है। जब दही (जमा दूध) को दूध में जामन के रूप में मिलाया जाता है तो लेक्टिक एसिड बैक्टीरिया केसीन प्रोटीन को जमा देता है अर्थात दही के रूप में परिवर्तित कर देता है।

दही के अनेक प्रयोगों से तो पाठकगण भलीभांति परिचित हैं लेकिन फिर भी इसके कुछ विशेष प्रयोगों का उल्लेख प्रासंगिक होगा। प्राचीन समय से ही दही का प्रयोग सौंदर्यवर्धन के लिये किया जाता रहा है। सिर धोने से पूर्व बालों में दही की मालिश करने तथा सिर धोने से सिर की रूसी कम होती है और बाल साफ, सुन्दर चमकीले व मुलायम रहते हैं। दही व बेसन में एक चुटकी हल्दी मिलाकर उबटन करने से त्वचा पर निखार आता है।

दस्त, संग्रहणी, अतिसार जैसी आंत की बीमारियों में इसका प्रयोग लाभदायक है। इससे आंतों में पाये जाने वाले हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। यह श्वास, विषम ज्वर व पीनस में भी उपयोगी है।

दस्तों में एक कप दही में दो चम्मच ईसबगोल की भूसी मिलाकर लेने से दस्त रुक जाते हैं। जिन लोगों को बंधा दस्त न आता हो, उनको केले का रायता अति लाभदायक है।

अब प्रयोगों से ऐसा भी सिद्ध हो रहा है कि दिल के मरीजों के लिए दही का प्रयोग उत्तम रहता है। यह रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा घटाता है।
-रामबाबू शर्मा

Related Articles

STAY CONNECTED

74,188FansLike
5,329FollowersFollow
60,365SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय