हमीरपुर। पशुपालन विभाग ने बधियाकरण एवं गर्भाधान के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला करके बछड़े का गर्भाधान कर डाला और गाय को बधिया बना दिया। इसका खुलासा क्षेत्र पंचायत सुमेरपुर की गठित समितियों की बैठक के दौरान हुआ।
बैठक में मौजूद उप मुख पशु चिकित्साधिकारी इस घोटाले पर किसी तरह का स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। लिहाजा क्षेत्र पंचायत समितियों ने इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच का प्रस्ताव पारित करके ब्लाॅक प्रमुख को जांच कराने के लिए अधिकृत किया है। बुधवार को क्षेत्र पंचायत की गठित समितियों की बैठक सुमेरपुर ब्लाॅक प्रमुख जयनारायण सिंह यादव की अध्यक्षता में ब्लाॅक सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में पेयजल सिंचाई स्वास्थ्य शिक्षा कृषि पशुपालन आदि की सघन समीक्षा की गई।
समीक्षा के दौरान ब्लाक प्रमुख ने एक सूची को प्रस्तुत करके बताया कि पशुपालन विभाग ने बधियाकरण एवं गर्भाधान के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। इस घोटाले का खुलासा ऐसे हुआ है कि जो टैग गायों बछड़ों भैंसों को लगाए गए हैं। उन्हीं टैग नंबरों का उपयोग गर्भाधान एवं बधियाकरण के दौरान किया गया है। जिसमें गाय को बधिया तथा बछड़े को गर्भाधान में दर्शाया गया है। इससे यह साबित होता है कि विभाग द्वारा बड़ा घोटाला किया गया है। उन्होंने बताया कि ब्लाक क्षेत्र में 900 गायों को बधिया तथा बछड़ों का गर्भाधान किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रति पशु ढाई सौ रुपये व्यय दिखाए गए हैं।
सुमेरपुर क्षेत्र में अकेले 2.25 लाख रुपए डकार लिए गए हैं। पशु मालिक की जगह ग्राम प्रधानों के नाम एवं फोन नंबर अंकित किए गए हैं। जबकि ग्राम प्रधानों के अनुसार किसी भी गौआश्रय स्थल में बधियाकरण एवं गर्भाधान का कार्य नहीं कराया गया है। क्षेत्र पंचायत समितियों ने सामूहिक रूप से प्रस्ताव पारित करके ब्लाॅक प्रमुख को जांच कराने के लिए अधिकृत किया है। ब्लाक प्रमुख ने कहा कि ये घोटाला पूरे जनपद में किया गया है और करोड़ों का बजट ठिकाने लगाया गया है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करके जांच की मांग करेंगे।
बैठक में मौजूद उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. देवेंद्र सिंह सचान इस प्रकरण में सही जवाब नहीं दे सके। बैठक में अन्य विभागों की समीक्षा करने के बाद कार्यप्रणाली में सुधार लाने की चेतावनी दी गई। बैठक का संचालन खंड विकास अधिकारी विपिन कुमार सिंह ने किया। बैठक मे एडीओ पंचायत रामबरन सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी समर सिंह, चिकित्सा अधिकारी डा. परवेज कादरी, एपीओ मनरेगा विकास चद्र आदि मौजूद रहे।