देवबंद। पाकिस्तानी साइंटिस्ट डॉ. आफिया सिद्दीकी की रिहाई को लेकर दारुल उलूम वक्फ के नाम से एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें पाक की शरिया अदालत के पूर्व चीफ जस्टिस व दारुल उलूम कराची के मोहतमिम मुफ्ती तकी उस्मानी की मुहिम को समर्थन किए जाने की बात लिखी गई है।
इस संबंध में इस्लामी तालीम के दूसरे बड़े इदारे दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी का कहना है कि इस मामले से उनका या संस्था का कोई ताल्लुक नहीं है। संस्था के लेटर पैड का फर्जी तरीके से स्कैन कर के गलत इस्तेमाल किया गया है।
कई दिनों से सोशल मीडिया वायरल हो रहे लेटर में लिखा गया है कि मुफ्ती तकी उस्मानी ने हज के बाद कौम की बेटी डॉ. आफिया सिद्दीकी के लिए मुल्क भर में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इस संबंध में दारुल उलूम वक्फ मुफ्ती तकी उस्मानी के साथ खड़ा है। इसमें आगे लिखा है कि हम मुफ्ती तकी के प्रदर्शन में कराची से शिरकत करेंगे। साथ ही पाकिस्तान से अपने सभी छात्रों को इसमें शामिल होने की हिदायत करेंगे। वायरल लेटर के संबंध में दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी की ओर से बयान जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मुफ्ती तकी उस्मानी के नाम से संस्था के लेटर पैड पर जो अपील सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उससे उनका या संस्था का कोई वास्ता नहीं है। फर्जी हस्ताक्षर व संस्था की मुहर को स्कैन कर लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने वाले के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी।
बता दें कि वर्ष 2004 में अमेरिका ने पाकिस्तानी साइंटिस्ट डॉ. आफिया सिद्दीकी का लिंक अलकायदा से जोड़ा और 2008 में उन्हें अफगानिस्तान में गिरफ्तार कर लिया था। इसके दो वर्ष बाद आफिया को 86 साल की जेल की सजा सुनाई गई। जिसका पाकिस्तान कड़ा विरोध कर रहा है।