Thursday, December 19, 2024

डीसीडब्ल्यू को सार्वजनिक शौचालय में मिला 50 लीटर तेजाब, एमसीडी को किया समन जारी

नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) को दरियागंज के सार्वजनिक शौचालय में मिला 50 लीटर तेजाब। आयोग ने नगर निगम को समन जारी किया।

दिल्ली महिला आयोग को पिछले दिनों दिल्ली के कई क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों के लिए सार्वजनिक शौचालयों से संबंधित मुद्दों के बारे में शिकायतें मिली थीं। इसलिए, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एक टीम के साथ कुछ शौचालयों का निरीक्षण किया। दरियागंज क्षेत्र (जीबी पंत अस्पताल के गेट नंबर 8 के सामने) में गुरुवार रात नगर निगम शौचालयों के निरीक्षण के दौरान आयोग ने पाया कि शौचालय का उपयोग करने पर उपयोगकताओं से 10 रुपये लिए जा रहे थे। आयोग को यह भी बताया गया कि शौचालय रात 10 बजे बंद कर दिया जाता है।

आयोग को उक्त शौचालय में खुले में भारी मात्रा में तेजाब भी रखा हुआ मिला। आयोग ने दिल्ली पुलिस को मामले की जानकारी दी और उनके द्वारा शौचालय से तेजाब से भरा 50 लीटर कंटेनर जब्त किया गया। केयरटेकर ने बताया कि तेजाब का इस्तेमाल शौचालयों की सफाई के लिए किया जा रहा था और उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हर 2 महीने में ये दिया जाता है।

आयोग ने पाया कि इसी सड़क पर (जीबी पंत अस्पताल के सामने) एमसीडी के 2 शौचालय परिसरों में ताला लगा हुआ है। स्थानीय लोगों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि शौचालय परिसर में कई महीनों से ताला लगा हुआ है, जिससे महिलाओं और लड़कियों को परेशानी हो रही है। यह सरकारी संसाधनों की बर्बादी भी है।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नगर निगम अधिकारियों को समन जारी कर मामले में रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने सार्वजनिक शौचालयों की सफाई के लिए तेजाब के इस्तेमाल के कारणों के साथ-साथ सार्वजनिक शौचालयों में तेजाब के इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में पूछा है। आयोग ने एमसीडी से सार्वजनिक शौचालयों में सफाई के लिए तेजाब के इस्तेमाल के खिलाफ जारी दिशा-निर्देशों और शौचालयों की सफाई में तेजाब के इस्तेमाल को रोकने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है उनकी जवाबदेही तय करने के लिए कहा है।

आयोग ने इस मामले संबंधित अधिकारियों को तलब किया है कि वे उन बिलों की प्रति के साथ पेश हों, जिनसे तेजाब खरीदा गया था और साथ ही उक्त शौचालय के रखरखाव के लिए एमसीडी द्वारा वितरित धनराशि की राशि की जानकारी भी साथ में दें। इसके अलावा, आयोग ने 10 रुपये का उपयोग शुल्क लेने करने का कारण पूछा है। सार्वजनिक शौचालयों के उपयोगकर्ता शुल्क के संबंध में दिशा-निदेशरें/नियमों की प्रति भी मांगी है। आयोग ने एमसीडी शौचालय परिसरों को बंद रखने का कारण भी पूछा है और सार्वजनिक संसाधनों की बबार्दी के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

आयोग की अध्यक्ष ने नगर निगम के अधिकारियों को मामले में विस्तृत रिपोर्ट के साथ 11 अप्रैल को आयोग के समक्ष उपस्थित होने को कहा है।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले को लेकर कहा, मध्य दिल्ली के एक सार्वजनिक शौचालय में भारी मात्रा में खुले में तेजाब रखे जाने से मैं स्तब्ध हूं। इसका इस्तेमाल लोग आपराधिक गतिविधियों के लिए कर सकते थे। बड़े पैमाने पर सार्वजनिक शौचालयों में सफाई के लिए तेजाब का इस्तेमाल अस्वीकार्य और शर्मनाक है। शौचालयों में सफाई के लिए तेजाब के प्रयोग को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा कि शौचालय का उपयोग करने के लिए कोई उपयोगकर्ता शुल्क नहीं होना चाहिए। सभी शौचालय हर समय चालू रहें और यदि कोई शौचालय काम नहीं कर रहा है, तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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