वाराणसी। उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व सह प्रभारी और वर्तमान में बिहार भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा नहीं रहे। बुधवार को ओझा के निधन की जानकारी मिलते ही यहां कार्यकर्ता और पदाधिकारी शोकाकुल हो गए। कार्यकर्ता और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर वरिष्ठ नेता को श्रद्धांजलि देते रहे।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुनील ओझा के असमय देवलोकगमन के समाचार से स्तब्ध हैं। आज भाजपा परिवार काशी क्षेत्र ने अपना एक कुशल संगठनकर्ता व अभिभावक को खोया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय कार्यालय के प्रभारी शिवशरण पाठक ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सुनील ओझा जी का निधन एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे सादर विनम्र श्रद्धांजलि।
सुनील ओझा मूल रूप से गुजरात के भावनगर जिले के निवासी थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे। सुनील ओझा भावनगर दक्षिण से भाजपा विधायक भी रह चुके थे। सुनील ओझा को उत्तर प्रदेश से हटा कर बिहार का सह भाजपा प्रभारी कुछ माह पहले ही पार्टी नेतृत्व ने बनाया था। मिर्जापुर में बने गड़ौली धाम को लेकर चर्चा में आए सुनील ओझा की उत्तर प्रदेश, खास कर वाराणसी और पूर्वांचल के जिलों में पार्टी संगठन में मजबूत पकड़ रही।