शामली: समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक चौधरी नाहिद हसन के खिलाफ 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान विवादित टिप्पणी करने के मामले में सोमवार को अदालत में सुनवाई हुई। हालांकि, कोर्ट ने अभी अंतिम फैसला नहीं सुनाया और 13 फरवरी की अगली तिथि तय की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय परिसर छावनी में तब्दील रहा और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
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सहायक अभियोजन अधिकारी उतेश जौहरी के अनुसार, 28 मार्च 2014 को कोतवाली शामली में तैनात एसआई दीक्षित त्यागी ने नाहिद हसन के खिलाफ धारा 171(छ) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर यह मामला दर्ज किया गया था।
तत्कालीन कैराना लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी रहे नाहिद हसन के खिलाफ पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की थी। यह मामला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कैराना की अदालत में विचाराधीन था, लेकिन जनपद में MP/MLA विशेष कोर्ट न होने के कारण इसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शामली की अदालत में सुना जा रहा है।
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कोर्ट में अगली सुनवाई 13 फरवरी को
सोमवार को अदालत में अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनी गईं, लेकिन कोर्ट ने तत्काल फैसला नहीं सुनाया। बताया जा रहा है कि न्यायालय कुछ और बिंदुओं पर सुनवाई करना चाहती है, जिसके चलते मामले की अगली तिथि 13 फरवरी तय की गई है। इस दिन नाहिद हसन के खिलाफ कोर्ट का फैसला आने की प्रबल संभावना है।
कोर्ट परिसर बना छावनी, भारी पुलिस बल तैनात
विधायक से जुड़े इस संवेदनशील मामले में फैसला आने की संभावना को देखते हुए पुलिस-प्रशासन अलर्ट रहा। सोमवार सुबह से ही 50-60 पुलिसकर्मी तैनात किए गए, जिनमें एक प्लाटून पीएसी बल भी शामिल था। सुरक्षा का नेतृत्व कोतवाली प्रभारी बिजेंद्र सिंह रावत कर रहे थे, जबकि कांधला थानाध्यक्ष क्षितिज कुमार, कचहरी सुरक्षा प्रभारी कामरान त्यागी, किलागेट चौकी प्रभारी आनंद कुमार सहित अन्य पुलिस बल तैनात रहा।