मुजफ्फरनगर: रोहाना शुगर मिल से जुड़ा भूमि विवाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के बाद समाप्त हो गया है। इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के अधिग्रहण को लेकर उठे विवाद पर 6 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट ने स्टे जारी करते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया।
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क्या है पूरा मामला?
1933 में स्थापित रोहाना शुगर मिल को 1984 में उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिग्रहित कर उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम को सौंप दिया था। बाद में, 12 अक्टूबर 2010 को यह मिल स्लम सेल एग्रीमेंट के तहत इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) को बेची गई।
चीनी मिल की 35.527 हेक्टेयर भूमि में खसरा संख्या 635/1 से 635/10 तक की 2.050 हेक्टेयर भूमि को लेकर कुछ लोगों ने दावा किया कि 45 वर्ष पूर्व किए गए पट्टे का निरस्तीकरण अवैध था। इस पर 24 अगस्त 2020 को जिला मजिस्ट्रेट, मुजफ्फरनगर ने आईपीएल के खिलाफ आदेश पारित किया।
आईपीएल ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
इस आदेश के खिलाफ आईपीएल ने पहले आयुक्त, सहारनपुर मंडल में रिवीजन दायर किया, जो खारिज कर दिया गया। इसके बाद, कंपनी ने उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में रिट याचिका दाखिल की, जिसमें 6 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट ने स्टे जारी कर मामले को लंबित रखा।
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हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्थिति स्पष्ट
हाईकोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति 11 जनवरी 2025 को सहारनपुर मंडल के आयुक्त ने जिला मजिस्ट्रेट, मुजफ्फरनगर को भेजी और निर्देश दिया कि न्यायालय के आदेशों का पालन किया जाए। आईपीएल ने स्पष्ट किया कि कुछ लोग कंपनी की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हाईकोर्ट के स्टे के बाद अब यह विवाद स्वतः समाप्त हो गया है।