Thursday, December 19, 2024

दिल्ली: कड़े यूएपीए के तहत दर्ज हुए 12 मामले, विदेशी नागरिकों के खिलाफ अपराध बढ़े

नई दिल्ली। असहमति को दबाने के एक उपकरण के रूप में निंदित “कठोर” गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) – जिसे आमतौर पर आतंकवाद विरोधी कानून के रूप में जाना जाता है – के तहत दर्ज मामलों की संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हाल ही में जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।

आलोचनाओं के बावजूद, सरकारें गंभीर अपराधों के मामलों में यूएपीए की धाराएँ लगा रही हैं। वर्ष 2022 में, राष्ट्रीय राजधानी में ‘राज्य के खिलाफ अपराध’ के रूप में वर्गीकृत 22 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 12 यूएपीए लगाया गया।

एनसीआरबी के हालिया आँकड़ों के अनुसार, एक मामला लांछन, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक दावे से संबंधित है। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत पांच, आधिकारिक गोपनीयता कानून के तहत चार, और यूएपीए के तहत 12 मामले हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत राजद्रोह का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।

एनसीआरबी के अनुसार, दिल्ली समेत पूरे देश में यूएपीए के मामले 23 प्रतिशत बढ़ गये हैं। इनकी संख्या 2021 के 814 से बढ़कर 2022 में 1,005 हो गई थी।

एनसीआरबी द्वारा साझा किया गया डेटा 2022 में राष्ट्रीय राजधानी में विदेशी नागरिकों के खिलाफ अपराधों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि पर भी प्रकाश डालता है।

इसके साथ ही, विदेशियों द्वारा अपराध के मामलों में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है। दिल्ली में पिछले वर्ष विदेशियों के खिलाफ अपराध के 40 मामले सामने आए, जबकि 2021 में यह संख्या 27 थी।

हालाँकि, इसी अवधि के दौरान विदेशी नागरिकों द्वारा किए गए कुल अपराध 256 थे, जो 2021 में रिपोर्ट किए गए 322 से कम है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “विदेशी नागरिकों के लिए आपातकालीन और संकटग्रस्त नंबरों को संभाल कर रखना महत्वपूर्ण है। जब भी उन्हें कोई शिकायत मिलती है तो पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है।”

एनसीआरबी के अनुसार, पूरे भारत में विदेशियों (पर्यटकों और निवासियों) के खिलाफ अपराध के लिए 2021 में 150 मामलों की तुलना में कुल 192 मामले दर्ज किए गए, जो 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इन पंजीकृत मामलों में 222 पीड़ितों में से 56.8 प्रतिशत एशियाई महाद्वीप (126) से थे। इसके बाद 18 प्रतिशत अफ्रीकी देशों (40) से थे।

विदेशियोे के प्रति अधिकांश मामले चोरी (34) से संबंधित थे। चौंकाने वाली बात यह है कि 2022 के दौरान भारत में 30 विदेशी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न किए जाने की सूचना मिली है।

मानव तस्करी के 23, धोखाधड़ी के 23, महिलाओं का शील भंग करने के इरादे से उन पर हमलों के 13, अपहरण के सात और डकैती के सात मामले दर्ज किए।

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