नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (आईएफसी) विभाग पर भाजपा के आरोप का जवाब देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विभाग का कार्यभार संभालने के बाद से विभाग के प्रमुख सचिव आशीष कुंद्रा ने कोई भी फाइल उन्हें नहीं भेजी है।
भारद्वाज ने आरोप लगाया, “मार्च 2023 में कार्यभार संभालने के बाद से विभाग से संबंधित कोई भी फाइल, चाहे वह प्रशासनिक मंजूरी, सैद्धांतिक मंजूरी, भुगतान प्रसंस्करण या कार्यों को पूरा करने के लिए हो, मुझे नहीं भेजी जा रही है।”
उन्होंने एक लिखित नोट में सवाल उठाया था कि सैद्धांतिक मंजूरी के लिए कोई भी फाइल मंत्री के पास क्यों नहीं भेजी जा रही है, जबकि उन्होंने प्रमुख सचिव आशीष कुंद्रा को निर्देश दिया था कि 25 लाख रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं से संबंधित सभी फाइलें सैद्धांतिक मंजूरी के लिए मंत्री के पास भेजी जाएं।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक धन का उपयोग करके दिल्ली सरकार के आईएफसी विभाग द्वारा शुरू की जा रही परियोजनाओं के बारे में कम से कम मंत्री को तो पता होना चाहिए।
भारद्वाज ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि कुंद्रा ने उनके नोट का जवाब नहीं दिया, बल्कि इस फाइल को वित्त विभाग के प्रधान सचिव आशीष चंद्र वर्मा के पास उनकी राय के लिए भेज दिया गया।
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि आशीष कुंद्रा और आशीष चंद्र वर्मा ने मिलीभगत से लिखित रूप में घोषणा की कि कुंद्रा के पास 50 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार है। नतीजतन, 50 करोड़ रुपये तक की लागत वाली किसी भी परियोजना से जुड़ी फाइलें मंत्री के पास नहीं भेजी जाएंगी।
भाजपा शासित केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए भारद्वाज ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा बनाए गए कानूनों के कारण 50 करोड़ रुपये तक की किसी भी परियोजना से संबंधित फाइलें प्रशासनिक या सैद्धांतिक मंजूरी के लिए प्रभारी मंत्री के पास नहीं भेजी जाती हैं।
उन्होंने कहा, “भुगतान प्रक्रिया के लिए फाइलें भी मंत्री के पास नहीं भेजी गईं।”