नई दिल्ली। नववर्ष 2024 से पहले दिल्लीवासियों को 500 नई इलेक्ट्रिक बसों का तोहफा मिला है। ये बसें दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े में गुरुवार को शामिल हुईं।
इन बसों को उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आईपी डिपो से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही डीटीसी के बेड़े में कुल 1300 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं। दिल्ली इंटिग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के पास करीब 203 इलेक्ट्रिक बसें हैं। दिल्ली देश का पहला राज्य है, जहां इतनी अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है।
डीटीसी के बेड़े में पहले से ही 800 इलेक्ट्रिक बसें हैं। गुरुवार को 500 नई इलेक्ट्रिक बसों में से कई बसों में सबसे पहले स्कूली बच्चों ने सफर किया। इससे पहले मुख्यमंत्री , एलजी और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ इलेक्ट्रिक बसों का निरीक्षण किया। इस मौके पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से दिल्ली में प्रदूषण कम होगा। उन्होंने आगे और इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाने की बात भी कही।
दिल्ली में इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से वायु व ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा। इन बसों के संचालन से अब तक 34,000 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम किया गया है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, वर्ष 2025 तक दिल्ली में 10,480 बसों के संचालन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से प्रतिवर्ष 4.67 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी।
इन इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होने से वायु और ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा। दिल्ली में 17 जनवरी, 2022 से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया गया था। इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से अब तक 34000 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम किया गया है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2025 तक दिल्ली में 10,480 बसों के संचालन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से सालाना 4.67 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइ़ड के उत्सर्जन में कमी आएगी।