पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे। यहां उन्होंने पहले दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास पहुंचकर पिछड़े, अति पिछड़े और दलित समुदाय के छात्रों से संवाद किया और उसके बाद पटना पहुंचकर एक सिनेमा हॉल में ‘फुले’ फिल्म देखी। इसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। राहुल गांधी ने पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मैं पिछड़े, अति पिछड़े और दलित छात्रों से बात करने आया था।
मुस्लिम महिला पर देशद्रोह के आरोप, मुज़फ्फरनगर में काशीराम कॉलोनी के लोगों ने किया प्रदर्शन
लेकिन, प्रशासन ने हमें रोक दिया। उन्होंने जिला प्रशासन का नाम लिए बिना कहा कि पहले तो उन्हें मेरे जाने से कोई समस्या नहीं दिख रही थी, लेकिन बाद में अचानक रोक दिया गया। लेकिन, हम चले गए, हमें जो करना था, कर दिया।” कांग्रेस सांसद ने कहा कि दरभंगा में जिस हॉस्टल में उन्हें जाना था, वहां जाने नहीं दिया गया। बाद में उन्होंने फोटो देखी, जिसमें पता चला कि हॉस्टल की स्थिति बहुत ही खराब है और यही वजह है कि उन्हें अंदर जाने से रोका गया। उन्होंने कहा, “फिर भी मैंने वहां बातें की, मुझे जो कहना था, कह दिया।” राहुल गांधी ने बताया कि दरभंगा में उन्होंने जाति जनगणना की बात की और कहा कि सरकारी के साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण का नियम लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘फुले’ फिल्म अच्छी है, सबको देखनी चाहिए।
मुजफ्फरनगर दंगा 2013: 11 आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी, पीड़ित परिवार ने बदला बयान
उन्होंने कहा, “पहले प्रशासन ने हमें रोका फिर हम जब गए तो नहीं रोका। हमारे ऊपर पहले से 30-32 केस हैं। ये सब मेरे लिए मेडल हैं।” इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दरभंगा में ‘शिक्षा न्याय संवाद’ में जुटे छात्रों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि इस देश में दलित, पिछड़े, अति पिछड़े और आदिवासी के खिलाफ 24 घंटे अत्याचार होता है, उन्हें दबाया जाता है। आपको शिक्षा के सिस्टम में भी रोका जाता है।
हरिद्वार में 16 से 18 जून तक होगा किसान कुंभ, राकेश टिकैत ने दिए आयोजन के दिशा-निर्देश
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं। सही तरीके से देशभर में जाति जनगणना कराई जाए, जैसे तेलंगाना में की गई है। निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था की जाए। एससी/एसटी सब-प्लान सख्ती से लागू की जाए। राहुल गांधी ने कहा कि देश में दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और आदिवासियों की संख्या 90 प्रतिशत है, लेकिन आपको दबाकर, डराकर रोका जाता है। अपनी मांगों के लिए हम सड़क से संसद तक लड़ेंगे और हर हाल में इसे पूरा करके दिखाएंगे।