मेरठ। रविवार से उद्योगों में डीजल जनरेटर चलाने पर पाबंदी की समय सीमा बढ़ा दी गई है। लेकिन उद्यमियों अभी भी इसका विरोध कर रहे हैं। उद्यमियों की ओर से ड्यूल जनरेटर लगाने के लिए सब्सिडी की मांग भी की गई है। आईआईए के मेरठ चैप्टर के चेयरमैन तनुज गुप्ता ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा है। साथ ही डीजल जनरेटर चलाने पर लगाई गई पाबंदी को हटाने की मांग की है।
चेयरमैन तनुज गुप्ता ने कहा उद्योगो के समक्ष सबसे बड़ी समस्या अपने जेनरेटर को डूयल फ्यूल मोड़ में बदलने की है। इसमें सात लाख रूपये से लेकर 20 लाख रुपये का खर्च आता है। इस लागत को लघु उद्योग वहन नहीं कर सकते। गैस से जनरेटर चलाना महंगा पड़ेगा। दिल्ली के एक्यूआई के आधार पर मेरठ में कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
अनिल पुंडीर, ध्यानचंद नगर इंडस्ट्रीयल एस्टेट का कहना है कि डीजल जनरेटरों में डीजल के स्थान पर बायोडीजल के उपयोग की अनुमति दी जाए। सीएक्यूएम स्वच्छ ईंधन के उपयोग की अनुमति दे।
निपुन जैन, अध्यक्ष, परतापुर इंडस्ट्रीयल एस्टेट ने कहा कि डीज़ल जनरेटरों में परिवर्तन हेतु लगने वाले उपकरणों को एमएसएमई स्कीम के तहत 80 फीसदी सब्सिडी दी जाए। ऐसे में सुक्ष्म एवं लघु उद्योग जल्दी से जल्दी डीज़ल जेनेरेटरों को पीएनजी में परिवर्तित करा सकेंगे।