इंदौरः ईओडब्ल्यू की बैंक धोखाधड़ी के मामलों में बड़ी कार्रवाई, दो फर्मों के संचालकों पर केस दर्ज
इंदौर। मध्य प्रदेश में राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों में शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो फर्मों के संचालकों पर केस दर्ज किया है। इनमें एक मामला 22.88 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले का है, जिसमें लाभांशी मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टरों और बैंक गारंटरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जबकि दूसरे 6.87 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में केशव प्रोटीन्स एंड ऑर्गेनिक एलएलपी के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
ईओडब्ल्यू अधीक्षक कार्यालय द्वारा शनिवार को जानकारी दी गई कि लाभांशी मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टरों और बैंक गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई दि कॉसमोस को-ऑपरेटिव बैंक से लिए गए ऋण में धोखाधड़ी और गबन के आरोपों के बाद की गई है। ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि मेसर्स लाभांशी ट्रेडर्स के संचालकों ने वर्ष 2019 में दि कॉसमोस को-ऑपरेटिव बैंक से मशीनरी खरीदी के नाम पर 2.50 करोड़ रुपये का टर्म लोन और 2.50 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट प्राप्त की थी। इसके बाद वर्ष 2020 और 2022 में बैंक से उक्त कैश क्रेडिट लिमिट को बढ़ाकर 21.50 करोड़ रुपये कर दिया। वर्तमान में कंपनी पर बैंक का 22.88 करोड़ रुपये बकाया होना पाया गया है।
ईओडब्ल्यू के अनुसार कंपनी डायरेक्टरों और गारंटरों ने बैंक की बिना अनुमति और बिना सूचना के स्टॉक में उपलब्ध चना, सोयाबीन सहित अन्य अनाज को खुर्द-बुर्द कर दिया। यह स्टॉक बैंक के पास बंधक था और इसे बैंक की अनुमति के बिना बेचा नहीं जा सकता था। जांच में प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि आरोपियों ने बैंक से प्राप्त ऋण राशि का धोखाधड़ीपूर्वक गबन किया। जिन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें लाभांशी मल्टीट्रेड प्रा.लि. के डायरेक्टर और गारंटर हैं। इनमें आयुष अग्रवाल पुत्र राजेन्द्र कुमार सिंघल,अनूप सिंघल पुत्र राजेन्द्र कुमार सिंघल, अंकुश सिंघल पुत्र राजेन्द्र कुमार सिंघल और राजेन्द्र कुमार सिंघल (62 वर्ष) पुत्र बाबूलाल सिंघल (अग्रवाल) शामिल हैं। सभी आरोपी प्रकाश नगर थाना नौगांव जिला धार के निवासी हैं।
इंदौर ईओडब्ल्यू के अधीक्षक रामेश्वर सिंह यादव ने बताया कि इनके अलावा अन्य आरोपियों के नाम भी प्रकरण में शामिल हैं। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (षड्यंत्र) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। प्रकरण की विस्तृत जांच जारी है।
वहीं, ईओडब्ल्यू ने 6.87 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में केशव प्रोटीन्स एंड ऑर्गेनिक एलएलपी के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि फर्म ने बैंक से लिया गया लोन धोखाधड़ीपूर्वक डायवर्ट कर बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाया। ईओडब्ल्यू एसपी रामेश्वर सिंह यादव के अनुसार वर्ष 2019 में मेसर्स केशव प्रोटीन्स एंड ऑर्गेनिक एलएलपी का गठन पार्टनर नवनीत गर्ग और प्रवीण दादू द्वारा किया गया था। फर्म ने वर्ष 2021 में एचडीएफसी बैंक स्नेह नगर शाखा इंदौर से 7.41 करोड़ रुपये का लोन लिया, जिसे बाद में बढ़ाकर 8.72 करोड़ रुपये कर दिया गया।
ईओडब्ल्यू के अनुसार, जांच में सामने आया कि आरोपियों ने सामग्री की खरीद बिना स्टॉक का मूल्य बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाया। इसके साथ ही बैंक खातों से संदेहास्पद अंतरण कर लोन राशि का डायवर्शन ऑफ फंड्स किया गया। आरोपियों ने लगभग दो वर्षों तक लोन खाता संचालित करने के बाद भी शेष 6.87 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया। इसके चलते बैंक ने खाते को एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) घोषित कर दिया। इस मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा जिन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें मेसर्स केशव प्रोटीन्स एंड ऑर्गेनिक एलएलपी, फर्म के पार्टनर नवनीत गर्ग पुत्र विनोद गर्ग निवासी पुखराज कॉर्पोरेट नवलखा मेन रोड इंदौर, प्रवीण दादू पुत्र रमेशचंद निवासी पारसी मोहल्ला महू एवं अन्य संबंधित आरोपी शामिल हैं। आरोपियों के विरुद्ध धारा 409 (आपराधिक न्यास भंग), 420 (धोखाधड़ी) एवं 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।
