गाजियाबाद। शिवशक्ति धाम डासना में आयोजित शिवशक्ति महोत्सव के दूसरे दिन का शुभारंभ विधिवत रुद्राभिषेक और श्रीचंडी महायज्ञ के साथ हुआ। आज ग्राम बम्हेटा की पार्षद श्रीमती प्रमोश यादव अपने परिवार सहित यजमान बनीं। दिनभर चलने वाले धार्मिक आयोजनों में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
महोत्सव की रात्रिकालीन आस्था का केंद्र मां बगलामुखी महायज्ञ रहा, जो सनातन धर्म की रक्षा और धर्म विरोधियों के समूल विनाश के उद्देश्य से संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने इस यज्ञ में आहुति देकर अपने कर्तव्य और आस्था का परिचय दिया।
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शाम को आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीकृष्ण केवल एक देवता नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा के अमिट स्रोत हैं। उन्होंने धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए जीवन समर्पित किया।
गुरु महाराज ने कहा कि कुरुक्षेत्र के युद्ध क्षेत्र में अर्जुन को माध्यम बनाकर भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता का जो ज्ञान दिया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उस समय था। श्रीमद्भगवद्गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसे स्वयं परमात्मा ने अपने श्रीमुख से कहा और यह सम्पूर्ण मानवता के लिए जीवन का मार्गदर्शक है।
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उन्होंने चिंता जताई कि आज जब मानवता अनेक संकटों से जूझ रही है, विशेष रूप से इस्लामी कट्टरता जैसी चुनौतियों से, तब गीता का ज्ञान ही सच्चा समाधान है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू समाज ने श्रीमद्भगवद्गीता के प्रचार-प्रसार में जितना प्रयास करना चाहिए था, उतना नहीं किया, जबकि कई अन्य मतों ने गीता की नकल कर अपने ग्रंथों को पूरी दुनिया में फैलाया। अब समय आ गया है कि हिंदू धर्मगुरु अपनी जिम्मेदारी समझें और गीता के सही अर्थों का प्रचार कर मानवता को नई दिशा दें। आज की कथा के यजमान हरिओम सिंह अपने परिवार सहित उपस्थित रहे और उन्होंने भागवत कथा का पुण्य लाभ प्राप्त किया।