मुंबई। हाल ही में महामारी पर बनी फिल्म ‘भीड़’ में नजर आईं अभिनेत्री दीया मिर्जा ने डॉक्यूमेंट्री ‘बिग ओशन स्टेट्स’ में आवाज दी है। डॉक्यूमेंट्री समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण पर केंद्रित है और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा ‘रिस्टोर: फिल्म्स फ्रॉम द फ्रंटियर्स ऑफ होप’ श्रृंखला का हिस्सा है।
यह प्रोजेक्ट दुनिया भर के दस स्थानों से कहानियों को बढ़ाने का प्रयास है जहां लोगों ने पर्यावरणीय संकट पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। सीरीज में गंगा पर एक एपिसोड भी है, जिसमें किसानों, वन्यजीव प्रेमियों और सरकारी विशेषज्ञों की कहानियों को दिखाया गया है, जो पवित्र नदी को बचाने के लिए टीम बना रहे हैं। इससे पहले ‘फाइट क्लब’ स्टार एडवर्ड नॉर्टन ने भी संयुक्त राष्ट्र की इसी तरह की पहल के लिए अपनी आवाज दी थी।
डॉक्यूमेंट्री के बारे में बात करते हुए दीया ने कहा कि इस वैश्विक परियोजना का हिस्सा बनना और सेंट लूसिया, कोमोरोस और वानुअतु की कहानी बताना एक पूर्ण सम्मान था, जो उदाहरण के द्वारा दिखा रहे हैं कि कैसे सभी हितधारकों के लाभ और ब्लू अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा की जा सकती है।
‘यूएन डिकेड ऑन इकोसिस्टम रिस्टोरेशन’ के तत्वावधान में, पहली दस फिल्में, या ‘यूएन वल्र्ड रेस्टोरेशन फ्लैगशिप’, इंडोनेशिया, अबू धाबी और कजाकिस्तान के विविध पारिस्थितिक तंत्रों का एक्स्प्लोर करती हैं।
कहानी में उन्हें क्या अच्छा लगा, इस बारे में बात करते हुए अभिनेत्री ने आगे बताया कि हां, प्लेनेट विलुप्त होने की स्थिति में है और दस लाख से अधिक प्रजातियां विलुप्त होने का सामना कर रही हैं, लेकिन हम इस बात से बहुत कुछ सीख सकते हैं कि कैसे सेंट लूसिया, कोमोरोस और वानुअतु ने समय रहते जलवायु खतरों को अच्छी तरह से पहचाना और फर्क करने के लिए वे सब कुछ किया जो वे कर सकते थे।
इस कहानी के बारे में जिस बात ने मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित किया वह यह कि नागरिकों ने खत्म होते मैंग्रोव और कम होते समुद्री जीवन के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया और यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ आए कि आने वाली पीढ़ी को एक स्थायी, टिकाऊ और संपन्न वातावरण मिलेगा।
यूएनईपी द्वारा प्रत्येक सोमवार को एक नया एपिसोड जारी किया जाता है, जिसमें अगली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य चाहने वाले लोगों के नए प्रयासों को दिखाया जाता है।