Sunday, September 8, 2024

मधुमेह, मोटापा और हृदय रोग

– अशोक गुप्त
मोटे लोगों को हृदय रोग होने या हार्ट फेल होने की संभावना अधिक रहती है। यदि आप पूर्ण स्वस्थ भी
हों, तब भी मोटापा हृदय रोग होने की संभावना बढ़ाता है।
मोटापे के दुष्प्रभाव
मोटापा न केवल हमारे हृदय बल्कि लिवर और अन्य अंगों के स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव डालता है। मोटे
लोगों को रक्तचाप अधिक होने की संभावना काफी अधिक होती है। नवीनतम खोजों से यह भी पता
चला है कि मोटे लोगों में कैंसर होने की संभावना भी अधिक होती है।
मोटे व्यक्तियों का हार्ट फेल होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि उनके हृदय को रक्त को पंप करने
के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है।
मधुमेह होने से भी हृदय रोगों का खतरा अधिक हो जाता है। जिन लोगों को एक बार हार्ट अटैक हो चुका
हो, उन्हें यदि मधुमेह हो तो दूसरा दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है।
रक्त में शर्करा का स्तर लगातार अधिक बने रहने से हृदय धमनियों में वसा का जमाव होने लगता है
जिससे रक्त संचार में बाधा पहुंचती है।
वजन कम करने के लिए
अपनी खाने की आदतों में धीरे-धीरे परिवर्तन लाएं। अधिक वसा और अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ नखाएं।
तेज सैर, जागिंग या तैरने जैसे एरोबिक व्यायाम नित्य करें।
धूम्रपान पूरी तरह त्याग दें। शराब भी बहुत सीमित यात्रा में ही पिएं।
यह याद रखें कि मोटापे से छुटकारा पाकर आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों
से बचाव कर सकते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार मोटापे और हृदय रोग से बचने के लिए नियमित सैर और व्यायाम बहुत आवश्यक हैं।
सप्ताह में कम से कम पांच दिन 50 मिनट तक नियमित सैर करें। यदि सैर करने की इतनी क्षमता न
हो तो अपनी क्षमतानुसार टुकड़ों में बांट कर भी सैर कर सकते हैं। जिन्होंने पहले व्यायाम न किया हो,
उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर ही व्यायाम करना उपयुक्त होगा किन्तु सैर प्रायः सभी रोगियों और स्वस्थ
व्यक्तियों हेतु लाभप्रद होती है।
खाने में नमक की मात्रा यथा संभव कम होनी चाहिए। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के सुझावों के अनुसार
एक स्वस्थ व्यक्ति को 2-2.4 ग्राम नमक की आवश्यकता होती है। जिन्हें रक्तचाप अधिक रहता हो,
उन्हें प्रतिदिन 1.5 ग्राम से अधिक नमक नहीं खाना चाहिए।
अचार, पापड़ बडि़यां, बाजारी नमकीन गोल गप्पे के पानी में भी बहुत नमक होता है अतः इनका सेवन
नियमित नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त सारे प्रोसेस्ड फूड, चीज, व बटर आदि में भी नमक डला
होता है। इनसे भी यथा संभव बचना चाहिए। इनके स्थान पर काली मिर्च, गार्लिक व अनियन पाउडर
का प्रयोग किया जा सकता है।
ज्यादा नमक खाने से रक्त नलिकाओं में पानी की जरूरत बढ़ जाती है जिससे हार्ट आर्टरी पर दबाव पड़ता
है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो दिल की बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार हैं।
जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि शारीरिक गतिविधि हृदय रोग को दूर रखने हेतु अति आवश्यक है।
स्वस्थ लोग रस्सी कूदना, जागिंग, तैरना, आदि व्यायाम कर सकते हैं जबकि सैर और योग जैसे
व्यायाम कोई भी व्यक्ति कर सकता है।
मधुमेह रोगियों हेतु अतिरिक्त सावधानियां
अपना भोजन नित्य नियमित समय पर ही करें। यदि आप मधुमेह हेतु कोई दवाई या इंसुलिन लेते हैं तो
नियमित तीन बार भोजन करें और बीच में हल्के स्नैक्स भी लें।
प्रतिदिन कम से कम आठ गिलास पानी पिएं। इसके अतिरिक्त पेय पदार्थ जैसे हल्की चाय, काफी, ग्रीन
टी, नारियल पानी, लस्सी, नींबू पानी व सूप आदि भी लेते रहें।
अपने भोजन में फाइबर का प्रयोग अधिक करें। फाइबर की मात्रा बढ़ाने हेतु आटा गूंथते समय उसमें 50
प्रतिशत चोकर मिलाएं। इसके अतिरिक्त साबुत दालें, स्प्राउट, छिलके सहित सब्जियां और छिलके सहित
खाए जा सकने वाले फल भी फाइबर के अच्छे स्रोत हो सकते हैं किन्तु फल और सब्जियों को काफी देर
पहले खुले पानी में भिगो कर रखें ताकि उन पर छिड़के गए कीटनाशकों का प्रभाव कम हो जाए।
मधुमेह रोगियों के लिए आम, केला, लीची, अंगूर, और चीकू जैसे अधिक मीठे फल, आलू, अरबी, जिमीकंद
और शकरकंदी जैसी सब्जियां खाना मना है।
फुल क्रीम मिल्क या इससे बने उत्पाद प्रयोग न करें। टोंड या डबल टोंड दूध ही प्रयोग करें और इससे बना
दही, पनीर आदि खाएं।

भोजन पकाने के लिए, वनस्पति घी का प्रयोग बिलकुल न करें। सोयाबीन, ऑयल, सरसों का तेल, रेपसीड
आयल या आलिव आयल का प्रयोग करें। तेल की न्यूनतम मात्रा का प्रयोग ही करें। हर माह तेल
बदलते रहें। भोजन बनाते समय अगर तेल बच जाए तो उसे फेंक दें। गलती से भी दुबारा प्रयोग न करें
क्योंकि दुबारा गर्म करने से उसमें ट्रांस फैट्स की मात्रा बढ़ जाती है जो हृदय के लिए अत्यधिक
हानिकारक है।
मांसाहारी पदार्थों का प्रयोग कम करें। रेड मीट के स्थान पर मछली या चिकन का प्रयोग करें। अंडा खाते
समय पीले भाग को फेंक दें और केवल सफेद भाग का ही सेवन करें।
खाना खाते समय मात्रा का विशेष ध्यान रखें। आधी प्लेट में सब्जियां और हरा सलाद रखें, एक चौथाई
भाग में दाल और दही, एक चौथाई भाग में चपाती या चावल रखें।
बिस्किट, पेस्ट्री, कैंडीज, चिप्स, मीठे कॉर्नफ्लैक्स, बाजारी जूस, मिठाइयां, कोल्ड ड्रिंक्स व चीज आदि को
अपने घर में यथा संभव प्रवेश न करने दें।
घर से बाहर खाते समय या यात्रा करते समय भुने या उबले भोजन को प्राथमिकता दें। समोसे और पेटीज
के स्थान पर ढोकला, सलाद, सैंडविच और फल आदि को प्राथमिकता दें। (स्वास्थ्य दर्पण)

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