शामली। गांव सेहटा निवासी एक गर्भवती महिला को प्रसव के बाद पैसे न दिए जाने के कारण 36 घंटे तक अस्पताल में रोक कर रखा गया। महिला के परिजनों का आरोप है कि वहां उपस्थित महिला चिकित्सक ने वैक्सीन लगाने के नाम पर 3000 मांगे, न देने पर उन्होंने महिला को लगातार हॉस्पिटल से डिस्चार्ज नही किया। पैसे ना देने पर बाद में यह कहकर छुट्टी दे दी कि उन्होंने पर्चा बना दिया है यह इंजेक्शन बाहर से लगवा लेना। हॉस्पिटल में उपलब्ध नहीं है।
शामली शहर के निकटवर्ती गांव सेहटा निवासी एक महिला को शुक्रवार प्रात:प्रसव पीड़ा के चलते परिजन गाँव कुडाना स्थित नजदीकी सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये। जहां इस महिला को सुबह लड़का हुआ। महिला के परिजनों का कहना है कि प्रसव होने के बाद भी काफी समय तक महिला को पैसे के लालच की वजह से अस्पताल में रखा गया तथा उनसे 3000 रूपये की मांग की गई। परिजनो के अनुसार उन्होंने 1100 दे दिये तथा बाद में 200 और दे दिए, लेकिन चिकित्सा सुमन 3000 से कम पर नहीं मानी। पैसे ना देने की वजह से 36 घंटे बाद उक्त महिला को अस्पताल से यह कहते हुए रिलीव कर दिया, कि अस्पताल में यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। बाजार से खरीद कर प्राइवेट चिकित्सक से लगवा लेना।
गौर तलब है कि सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के नाम पर सरकार पैसा भेजती हैं। वह पैसा संबंधित महिला को दिया जाता है। लेकिन इस स्वास्थ्य केंद्र पर उल्टे चिकित्सक डिलीवरी के नाम पर इंजेक्शन देने के लिए पैसा मांग रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन सरकारी हॉस्पिटलों का रवैया कब बदलेगा।