मेरठ। बकाया गन्ना भुगतान नहीं करने को लेकर विरोध कर रहे किसानों द्वारा किनौनी शुगर मिल के पूर्व में उखाड़े गए गन्ना क्रय केंद्र को किनौनी शुगर मिल को दूसरे किसानों की मदद से स्थापित करने में कामयाबी मिल रही है। शुगर मिल ने गांव में किसानों को दो गुटों में बांटकर अपने गन्ना क्रय केंद्र स्थापित कर दिए हैं। वहीं, गन्ना भुगतान के मुद्दे को लेकर किसान दो फाड़ हैं। आज रविवार को भी शुगर मिल क्षेत्र के कई गांवों में गन्ना क्रय केंद्र लगाए गए हैं।
पिछले वर्ष का बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने पर किसानों ने शुगर मिल को गन्ने की आपूर्ति नहीं करने और गन्ना क्रय केंद्र गांव में नहीं लगने देने का ऐलान किया गया था। एक पखवाड़े पहले शुगर मिल द्वारा गांव में लगाए गए गन्ना क्रय केंद्रों का भी विरोध जताते हुए किसानों ने उन्हें उखाड़ कर फेंक दिया था।
हालांकि, इस प्रकरण के बाद एक सप्ताह पहले ही किनौनी शुगर मिल द्वारा 31 मार्च तक का बकाया गन्ना भुगतान किसानों के खाते में भेजकर कुछ मरहम लगाने का कुछ काम जरूर किया है, लेकिन पूरा बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने से किसान अभी भी विरोध में हैं। शुगर मिल चलने के बाद मिल प्रशासन ने चतुराई दिखाते हुए विरोध वाले गांवों में गन्ना क्रय केंद्र लगाने के लिए गांव के किसानों को दो गुटों में बांटकर क्रय केंद्र स्थापित कर दिए।
किनौनी शुगर मिल ने पेपला, अरनावली, पूठखास, डालमपुर, चिंदौडी, सतवाई, आजमपुर, किनौनी, सरूरपुर खुर्द व रसूलपुर मढ़ी आदि दर्जनों गांवों में गन्ना क्रय केंद्र स्थापित किए। इससे किसान दो गुटों में बंटकर रह गए हैं। हालांकि, कुछ किसान अभी भी पूरा बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने तक शुगर मिल में गन्ना नहीं देने का ऐलान कर रहे हैं। लेकिन गन्ना केंद्र लगातार स्थापित होने से फिलहाल किनौनी शुगर मिल का विरोध लगभग समाप्त होता नजर आ रहा है।