Friday, November 22, 2024

गोवंशों की जान बचाने को जिलाधिकारी की नई पहल, छुट्टा गोवंश छोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई

बांदा। जिले के बड़ोखर ब्लॉक में रेलवे पर एक साथ नौ को गोवंशों के शव मिलने के बाद जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने छुट्टा गोवंश छोड़ने वालों के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। साथ ही गो संरक्षण के लिए नई पहल करते हुए उनके भरण पोषण के लिए अपने सुझाव भी दिए हैं।

नई व्यवस्था के तहत ग्राम स्तरीय समिति ग्राम पंचायत में मुनादी कराकर छुट्टा गोवंशों को बांधने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करेगी। इसके बाद भी अगर ग्रामीण अपने गोवंश नहीं बांधते हैं तो उन्हें समिति चिन्हित करेगी। चिन्हित व्यक्तियों के खिलाफ पशुपालकों के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह उन पशुपालकों को भी चिन्हित किया जाएगा जो दूध निकाल कर गोवंशों को खुला छोड़ देते हैं। इन पशुपालकों को राजस्व विभाग के लेखपाल,चौकीदार एवं ग्राम सचिव द्वारा चिन्हित किया जाएगा और उनके खिलाफ निराश्रित पशुओं को छोड़ने के लिए पुलिस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

गोवंशों के भरण पोषण के लिए जनपद के सभी सरकारी अधिकारी कर्मचारी एक दिन का वेतन सहयोग स्वरूप दान करेंगे। इसी तरह सभी प्रधान गोवंशों के संरक्षण एवं उनके भरण पोषण में सहयोग के लिए एक माह का मानदेय सहयोग स्वरूप दान करेंगे। इसी क्रम में पशु चिकित्सा अधिकारी अब प्रतिदिन कम से कम तीन गौशालाओं में जाएंगे और गोवंशों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेंगे।

जनपद में पशु आश्रय स्थलों की संख्या 318 है, जिसमें स्थायी 18 व अस्थायी 300 पशु आश्रय स्थल है। जिले में गौवंश संरक्षण समिति गठित है, जिसमें ग्राम प्रधान अध्यक्ष, सम्बन्धित लेखपाल सदस्य, ग्राम सचिव सदस्य, ग्राम रोजगार सेवक सदस्य तथा 2 प्रगतिशील पशुपालक व्यक्ति सदस्य एवं गांव का पुलिस चौकीदार भी सदस्य हैं। गौ आश्रय स्थलों की समुचित व्यवस्था के लिए केयर टेकरों को सुझाव दिये गए हैं कि प्रत्येक गौ आश्रय स्थल में संरक्षित गौवंश की शत-प्रतिशत ईयर टैगिंग कराये, गौ आश्रय स्थल पोर्टल पर अपलोड कराये तथा गौ आश्रय स्थलों पर संरक्षित अभिलेखों का सत्यापन कराये। वही उप जिलाधिकारी विकास खण्ड स्तरीय समिति द्वारा किये जा रहे गौ संरक्षण कार्यों की समीक्षा करेंगे।

जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का कहना है कि गोवंशों को छुट्टा छोड़ना बहुत बड़ी समस्या है। ग्रामीण अपने गोवंशों को छुट्टा न छोड़ें। अन्ना गोवंशों को ग्राम पंचायतों की स्थायी और अस्थायी गौशालाओं में संरक्षित किया जाए। गोवंशों के सार्वजनिक मार्गों पर बैठने व विचरण पर रोक लगाई जाए। गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन एक बहुत बड़ा पुण्य का कार्य है,इस पुनीत कार्य में हम सभी को सहयोग कर अपनी भागीदारी निभानी है। जनपद में इस वित्तीय वर्ष में गौवंश संरक्षण के लिए 18 करोड़ 8 लाख रूपये का बजट आवंटित हुआ है। जिससे गौवंशों का प्रत्येक दशा में संरक्षण एवं सुविधायें उपलब्ध करायी जायेंगी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय