सहारनपुर। मण्डलायुक्त सहारनपुर डॉ0 हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में आयुक्त कार्यालय सभाकक्ष में हथकरघा एवं पॉवरलूम बुनकरों के विकास हेतु हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा मुख्यमंत्री हैण्डलूम एवं पॉवरलूम विकास योजना एवं झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना की समीक्षा की गयी।
समीक्षा के दौरान मण्डलायुक्त डा. हृषिकेश भास्कर यशोद ने निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति के बुनकरों को विस्तृत सर्वे कराकर योजनान्तर्गत आच्छादित कर लाभ प्रदान किया जाए तथा मण्डल के समस्त पावरलूम बुनकरों के प्रशिक्षण हेतु प्रस्ताव तैयार कर निदेशालय प्रेषित किया जाए। उन्होने निर्देश दिए कि सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री हैण्डलूम एवं पावरलूम विकास योजना के अन्तर्गत जनपद सहारनपुर से हैण्डलूम के 18 एवं पावरलूम के 01 प्रस्ताव, शामली से हथकरघा के 13 एवं पावरलूम के 15 प्रस्ताव तथा मुजफ्फरनगर से पावरलूम के 04 प्रस्ताव प्राप्त हुए है। इस प्रकार हैण्डलूम के 31 एवं पावरलूम के कुल 20 प्रस्ताव प्राप्त हुए जिसमें 15 महिलाओं एवं 36 पुरूष बुनकरों को प्रशिक्षण, उन्नत किश्म के हथकरघा, नवीन, सेमीऑटोमेटिक, शटललेस पावरलूम एवं कार्यशाला आदि मदों में लाभान्वित कराये जाने का अनुमोदन किया गया। उन्होने बताया कि झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजनान्तर्गत केवल अनुसूचित जाति के बुनकरों को लाभान्वित किया जाएगा। जिसमें जनपद सहारनपुर से हैण्डलूम का एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।
सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग श्री मनोज कान्त गर्ग ने बताया कि प्रशिक्षण हेतु 05 हजार रूपये प्रति पावरलूम बुनकर, हथकरघा हेतु 30 हजार रूपये, पिटलूम हेतु 20 हजार रूपये, नवीन पावरलूम हेतु 75 हजार रूपये, सेमी ऑटोमेटिक हेतु 90 हजार एवं शटललेस हेतु 03 लाख रूपये प्रति पावरलूम का अनुदान दिया जाएगा। हैण्डलूम बुनकरों को कार्यशाला निर्माण हेतु प्रति कार्यशाला 40 से 80 हजार रूपये एवं पावरलूम बुनकरों हेतु प्रति कार्यशाला 75 हजार रूपये तथा शटललेस हेतु प्रति कार्यशाला 01 लाख रूपये दिया जाएगा।