सहारनपुर। जिलाधिकारी डॉ.दिनेश चन्द्रा ने नियमित टीकाकरण और हेल्थ डेस्क रैंकिंग में जनपद की प्रथम रैंक आने पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि इसकी निरंतरता बरकरार रखें। उन्होंने जनपद में बिना लाइसेंस के चल रहे पैथोलॉजी लैब की एसडीएम और एमओआईसी को जांच करने के बाद एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके अलावा सभी एमआईआईसी को निर्देश दिए की उनके क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना में इंपैनल्ड चिकित्सालयों की नियमित रूप से जांच करे ताकि किसी तरह कार्ड का दुरुपयोग न हों।
जिलाधिकारी डॉ.दिनेश चन्द्र कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत गठित जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की समीक्षा बैठक ले रहे थे। जिलाधिकारी ने मातृत्व सुरक्षा योजना, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, आशा कार्यक्रम समीक्षा, रोगी कल्याण, परिवार कल्याण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, स्कूल आई स्क्रीनिंग कार्यक्रम, प्रतिरक्षण कार्यक्रम, कुष्ठ उन्मूलन, हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर आदि की समीक्षा की।
उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत किए जाने वाले भुगतान को समय से करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इसके अलावा आवश्यक सुविधाओं के लिए उपलब्ध टाइड फंड को खर्च करने के साथ जो खर्च हुआ है उसको सत्यापित करने के निर्देश दिए। डॉ.दिनेश चंद्र ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि संस्थागत प्रसव को बढाया जाए। उन्होने कहा कि सभी चिकित्सक अपने दायित्वों का भली प्रकार से निर्वहन करते हुए अगले माह संस्थागत प्रसवों में बढोत्तरी लाना सुनिश्चित करें।
जिन कारणों से संस्थागत प्रसवों में कमी आ रही है उनकी जांच कर आवश्यक कार्यवाही करें। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही साफ-सफाई एवं शत-प्रतिशत विद्युत कनेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। परिवार कल्याण के अन्तर्गत जन सामान्य को जागरूक करते हुए प्रेरित किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि आशाओं के मानदेय का भुगतान समय से किया जाए। आशाओं एवं आंगनबाडी कार्यकत्रियों की डोर-टू-डोर विजिट बढाई जाए ताकि नियमित टीकाकरण का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो सके।
डॉ.दिनेश चन्द्र ने स्कूल आई स्क्रीनिंग कार्यक्रम के तहत वितरित किये जाने वाले चश्मों को निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शीघ्रता से वितरित किया जाए। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में लगी टीमों को निर्देश दिये कि स्कूलों में प्रतिमाह विजिट करें तथा आच्छादन सख्ंया को बढाएं एवं चिन्हित बच्चों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा जिला चिकित्सालयों में ओपीडी की संख्या बढाई जाए मरीजों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन, सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार, एसडीएम देवबंद अंकुर वर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.शिवांका गौड तथा समस्त सीएचसी एवं पीएचसी से चिकित्सक मौजूद रहे।