Thursday, September 19, 2024

डोडा हमला : आतंकी हो सकते हैं पाकिस्तान के पूर्व सैनिक, मिली है जंगल ट्रेनिंग

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के डोडा में सेना के जवानों पर घात लगाकर हमला किया गया था। सेना के ये जवान आधुनिकतम बुलेट प्रूफ जैकेट और हेलमेट से लैस थे, लेकिन उनके चेहरे खुले थे। पता लगा है कि इस हमले में आतंकवादियों ने जवानों के बिना ढके चेहरों को ही निशाना बनाया। विशेषज्ञों का मानना है कि हमलावर विदेशी मूल के आतंकवादी हो सकते हैं। इन आतंकवादियों को जंगल ट्रेनिंग व सैनिकों के चेहरों को निशाना बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।

 

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

 

 

सोमवार रात हुए इस हमले में एक कैप्टन समेत सेना के चार और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक वीर जवान की मौत हुई है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक अब तक तीन तथ्य उजागर हुए हैं जिनमें से एक यह है कि हमला करने वाले आतंकवादी विदेशी मूल के हैं। ये आतंकवादी जम्मू क्षेत्र के घने जंगलों में छिपे हैं। दूसरा इन सभी आतंकवादियों को घने जंगलों में छिपने, घात लगाने और सैनिकों के चेहरे को निशाना बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।

 

 

 

विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह विदेशी आतंकवादी, पाकिस्तान सेना के पूर्व सैनिक हो सकते हैं और भाड़े के सैनिकों के रूप में यहां आए हैं। जानकार ऐसा मानते हैं कि जंगलों में छिपे ये आतंकी फिदायीन दस्ते के नहीं हैं। रक्षा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जंगलों में छिपने की रणनीति उच्च प्रशिक्षित सैनिकों की एक विशिष्टता होती है। अपनी इस ट्रेनिंग के कारण ये बाहरी दुनिया से संपर्क किए बिना कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ये भाड़े के आतंकवादी हो सकते हैं, जो पाकिस्तानी सेना के पूर्व सैनिक भी हैं। गौरतलब है कि हाल ही में कठुआ में सेना की गाड़ी पर हुए ग्रेनेड अटैक के दौरान आतंकियों ने बॉडीकैम लगा रखा था। आतंकवादी बॉडीकैम के जरिए हमले की तस्वीरें साझा कर रहे थे। इससे पता लगता है कि उन्हें हमले के दौरान टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई थी।

 

 

डोडा में सोमवार को आतंकवादी हमला हुआ था। इसके बाद सामने आए विवरण से मालूम हुआ कि सेना के 15 जवानों का एक गश्ती दल तलाशी अभियान में था। इसी दौरान उन पर घात लगाकर हमला किया गया। कार्रवाई में मारे गए चार सैनिक इस खोजी दल का नेतृत्व कर रहे थे। सभी सैनिक आधुनिकतम बुलेट-प्रूफ जैकेट और हेलमेट पहने हुए थे, लेकिन उनका चेहरा खुला हुआ था। इनके चेहरे पर भी चोटें आई हैं। इस आतंकी हमले के बाद जख्मी जवानों को अस्पताल लाया गया, जहां मंगलवार तड़के उनकी मौत हो गई। शहीद जवानों में सेना के कैप्टन ब्रिजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय व जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक जवान शामिल है।

 

 

 

गौरतलब है कि जम्मू का इलाका नदियों वाला है, वहीं पाकिस्तान सीमा पर कई नाले हैं जो मानसून में उफान पर रहते हैं। इससे घुसपैठियों को घुसपैठ करने का मौका मिलता है। इसके अलावा जम्मू संभाग में पहाड़ ऐसे इलाके उपलब्ध कराते हैं जहां छिपने के कई स्थान हैं और वहां ड्रोन संचालित करने की भी बेहद कम संभावना रहती है। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद से जुड़े हुए आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है। यह कश्मीर टाइगर्स वही आतंकवादी संगठन है जिसने हाल ही में सेना के काफिले पर हुए हमले की भी जिम्मेदारी ली थी। जानकारी के मुताबिक कश्मीर टाइगर्स को पाकिस्तान से हथियार व धन मुहैया कराया जाता है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय