नोएडा। हेमाग्लगुटिनिन-3 न्यूरोमिनिडेस-2 यानि एच-3 एन-2 के लक्षण (खांसी जुकाम बुखार) नजर आयें तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसका उपचार संभव है। दवा के सेवन से इसका संक्रमण चार से आठ दिन में खत्म हो जाता है। यह बात जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. प्रदीप शैलत ने बुधवार को कही। उन्होंने कहा साधारण खांसी जुकाम और बुखार समझ कर स्वयं इलाज न करें। न तो कोई एंटीबायोटिक अथवा किसी अन्य दवा का सेवन चिकित्सक की सलाह के बिना न करें।
डा. शैलत ने कहा-अभी यह बीमारी साधारण फ्लू की तरह है। सर्दी, खांसी जुकाम और बुखार इसके लक्षण हैं। लक्षण नजर आते ही जिला अस्पताल या स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से परामर्श करें। उपचार से यह संक्रमण ठीक हो जाता है। दवा का सेवन करने से चार से आठ दिन मरीज को ठीक होने में लगते हैं। हालांकि बुखार से होने वाली कमजोरी तीन हफ्ते तक बनी रह सकती है। थोड़ी सतर्कता से इस तरह की परेशानी से बचा जा सकता है। दिन में गर्मी और सुबह – शाम हल्की सर्दी से बचाव की जरूरत है। खानपान को लेकर भी सतर्क रहें, हल्का और सुपाच्य भोजन करें।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, घर से बाहर निकलें तो मास्क का प्रयोग करें। बाहर से लौटने पर हाथों को अच्छी तरह साबुन-पानी से धोएं अथवा सेनिटाइज करें। रात में सोते समय पंखा तेज न चलाएं। मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। फ्रिज में रखा हुआ पानी बिल्कुल नहीं पिएं। सुबह-शाम गुनगुने पानी का सेवन करें।
उन्होंने बताया – ओपीडी में इंफ्लूएंजा से मिलते जुलते लक्षण वाले रोगी पहुंच रहे हैं, लेकिन कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है। पांच साल से छोटे बच्चों और 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों के साथ ही रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (सारी) और इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) के लक्षण वाले रोगी जांच जरूर कराएं। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखें। किसी भी बीमारी से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना बहुत जरूरी है।
जनपद में कोई गंभीर मामला नहीं
सीनियर लेब टेक्नीशियन मृत्युंजय मणि त्रिपाठी ने बताया- एच-3 एन-2 से मिलते जुलते लक्षण वाले लोग जांच के लिए जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रों पर आ रहे हैं। जांच की जा रही है। अभी तक कोई गंभीर मामला जनपद में नहीं आया है। उन्होंने बताया स्थितियां एकदम नियंत्रण में इस लिए फिलहाल शासन की ओर विशेष जांच अभियान जैसा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा- बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं। बीमार होने पर जांच कराएं, चिकित्सक को दिखाएं पर अफवाह पर ध्यान न दें।