Tuesday, September 17, 2024

कर्नाटक की जनता के सामने ‘डबल इंजन’ बनाम ‘रिवर्स गीयर’ सरकार का विकल्प: अमित शाह

हुबली (कर्नाटक)- केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री तथा भारतीय जतना पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक की जनता के सामने इस बार ‘मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार चुनने या कांग्रेस की ‘रिवर्स गीयर सरकार’ के बीच चुनाव करने का विकल्प है ।

श्री शाह ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने जनता दल (एस ) को परिवारवादी और सत्ता के लिए कांग्रेस के पाले में लुढकने वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी ‘ नए कर्नाटक’ और ‘राजनीतिक स्थिरता’ के नारे के साथ पूर्ण बहुमत के साथ जीत के विश्वास से चुनाव मैदान में उतरी है।

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उन्होंने यहां शाम एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भाजपा इस चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के विश्वास के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। हम राजनीतिक स्थिरता और नए कर्नाटक के निर्माण के नारे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार के लिए इस चुनाव में उतरे हैं।’

गृहमंत्री ने कहा कि आगमी दस मई को कर्नाटक में होने जा रहे चुनाव में राज्य की जनता के सामने ‘मोदीजी के नेतृत्व में एक डबल इंजन सरकार बनाम कांग्रेस के नेतृत्व में एक रिवर्स गीयर सरकार” के बीच फैसला’ करने का अवसर है।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कर्नाटक में पिछले चार साल में भाजपा के नेतृत्व में केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा विकास के लिए किए गए विभिन्न कामों को गिनाने के साथ साथ यह भी कहा कि राज्य में कांग्रेस के समय में उसकी वोट बैंक की राजनीतिक के कारण पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे देश विरोधी संगठन के काडर को खुली छूट दे रखी थी और धार्मिक आधार पर आरक्षण देने का असंवैधिक कदम उठाया था।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस ‘अपने एटीएम की तलाश कर रही है। जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के परिवारवादी दल है जो चुनाव में खड़ा तो कांग्रेस के खिलाफ रहता है पर सत्ता के लिए उसक साथ मिल जाता है।’

गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार ने गैर संवैधानिक आधार पर तुष्टीकरण की राजनीतिक के तहत धर्म के आधार पर राज्य में कांग्रेस सरकार के आरक्षण के निर्णय को रद्द किया तथा अनुसूचित जाति/ जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के तहत लिंगायत और वोक्कालिगा समाज के लिए आरक्षण के नए प्रावधानों से सामाजिक न्याय को बढ़ाने का काम किया। कर्नाटक में लिंगायत और वोक्कलिगा समाज वोट की दृष्टि से दो महत्वपूर्ण समुदाय हैं।

श्री शाह ने कर्नाटक की जनता को सुरक्षित कर्नाटक के लिए पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार को फिर से मौका देने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस के समय में पीएफआई काडर को राज्य में ‘स्पेशल ट्रीटमेंट’ मिला हुआ था और उन्हें गतिविधियां चलाने के लिए ढील दी गयी थी। भाजपा सरकार ने उन पर शिकंजा कसा और पाबंदी लगायी। उसके तमाम बड़े कार्यकर्ता जेल में हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 24 मामले दर्ज कर उनकी जांच शुरू की है।

श्री शाह ने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर मुद्दे लटकाने का आरोप लगता हुए कहा कि भाजपा सरकार ने गोवा और महाराष्ट्र के साथ महादयी नदी जल के बंटवारे संबंधी पुराने विवाद के समाधान के लिए सभी पक्षों के साथ मिल कर सामधान निकालने का प्रयास किया।

कनार्टक की 224 सदस्यीय विधानसभा के पिछले चुनाव में भाजपा 104 सीट के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी पर कांग्रेस (78) ने देवगौड़ा परिवार के नेतृत्व वाले जनता दल (एस) (37) से गठबंधन कर भाजपा को सरकार बनाने से वंचित कर दिया था। उसके बाद राज्य में करीब एक साल की राजनीतिक अस्थिरता के बीच दो सरकारों के पतन के बाद भाजपा राज्य में एक बार फिर सत्ता में आ गयी।

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