मुजफ्फरनगर। जनपद की प्रतिष्ठित संस्था दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना में 2 अक्टूबर को होने वाले वार्षिक मेले की तैयारी के लिए आयोजित बैठक में हंगामा हो गया। अतिशय क्षेत्र वहलना में वार्षिक रथ यात्रा को लेकर कमैटी की बैठक चल रही थी, इसी दौरान आजीवन सदस्यता के शुल्क को लेकर हंगामा शुरू हो गया और फिर दो पक्ष आपस में भिड़ पड़े, जिसमें मारपीट की नौबत आ गई।
मंदिर कमैटी के पदाधिकारियों ने अपने विरोधी गुट की बात को अनसुना कर दिया, जिस कारण बिना किसी नतीजे के बैठक समाप्त हो गई। इस घटनाक्रम को लेकर विपक्षी खेमे में मंदिर कमैटी के प्रति आक्रोश बना हुआ है।
आपको बता दे कि दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना मन्दिर में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर के दिन वार्षिक रथयात्रा का महोत्सव बडी धूमधाम से मनाया जाता रहा है। इसी क्रम में जैन समाज की एक आम बैठक वहलना कमेटी द्वारा मदिर प्रांगण में आहुत की गयी थी, जिसमें जैन समाज के सैकडो लोगो ने हिस्सेदारी की व 2 अक्टूबर महोत्सव को लेकर अनेकों कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। समस्त जैन बन्धुओं ने बैठक में मेले को भव्यता से सम्पन्न कराने हेतु तैयारियों पर अनेक निर्णय लिये। बैठक की अध्यक्षता राजेश जैन व संचालन रविन्द्र जैन व महामंत्री संजय जैन ने किया।
बैठक में अनेकों लोगों द्वारा प्रस्ताव रखे गये, जिसमें से कुछ प्रस्तावों पर सहमति भी बनी। बैठक की अध्यक्षता कर रहे कमैटी के अध्यक्ष राजेश जैन ने बैठक में पधारे जैन समाज के समस्त संभ्रात लोगों का स्वागत व अभिनन्दन करते हुए कहा कि दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना के समस्त पदाधिकारी व सदस्यगण सदैव समाज के सेवक के रूप में कार्य करते रहे हैं, जब भी समाज के किसी कार्य में अथवा धार्मिक आयोजन में जरूरत पडी है वहलना कमैटी के सदस्यों ने समाज के प्रति अपनी भागीदारी निभाई है।
बैठक का संचालन कर रहे रविन्द्र जैन, संजय जैन ने सामूहिक रूप से कहा कि वहलना जैन मंदिर जैन श्रद्धालुओं के लिये आस्था का क्षेत्र है व प्रतिवर्ष लाखों जैन श्रद्वालु यहां धर्म लाभ लेने के लिये पधारते हैं, जिसके लिये वहलना जैन मंदिर कमैटी यथोचित व्यवस्था पूरे वर्ष करने का काम करती है। आगे भी जैन दर्शनार्थियों को कोई असुविधा न हो यह जिम्मदारी हम सभी की है।
बैठक में उस समय विवाद शुरू हो गया जब निपुण जैन एडवोकेट समेत कई अन्य सदस्यों ने कमैटी के महामंत्री से मंदिर से जुडी संपत्ति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण मांगते हुए संशय व्यक्त किया कि यह सम्पति किसी की निजी सम्पति तो नहीं है, तब संचालन कर रहे महामंत्री संजय जैन ने बैनामो की सभी फाईल लाकर प्रदीप जैन के हाथ में सौंप दी। तत्पश्चात प्रदीप जैन ने निपुण जैन को आमंत्रित कर उक्त बैनामो को स्वयं पढने व लोगों सुनाने को कहा, ताकि सभी का संशय समाप्त हो सके।
निपुण जैन एडवोकेट ने आजीवन सदस्यता शुल्क 15 हजार रखने पर भी आपत्ति जताई। उनका कहना था कि बस सौ रूपये ही आजीवन सदस्यता शुल्क रखा जाये। इसके अलावा उन्होंने बैनामों का मुद्दा उठाते हुए प्रदीप जैन द्वारा दिये गये तर्कों को सही नहीं माना। उनका कहना था कि दो मामलों पर गम्भीरता से चर्चा होनी चाहिए और मंदिर कमैटी उनकी दोनों मांगों को सर्वसम्मति से अपनी प्रोसेडिंग में शामिल कर जैन समाज के हित में लागू करें, जिसमें सदस्यता शुल्क नि:शुल्क रखा जाये, या न्यूनतम शुल्क सौ रूपये रखा जाये। इसके अलावा जो संस्था के नाम बैनामे हैं उन्हें मंदिर के नाम कर दिया जाये ताकि कल उनको कोई बेच न सके।
उन्होंने यह सब बाते प्रोसेडिंग में भी लिखने को कहा, जिस पर मंदिर कमैटी के पदाधिकारियों ने उनकी बात पूरी नहीं होने दी और हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद बैठक में गाली-गलौच व मारपीट शुरू हो गई, जिससे बैठक किसी ठोस निर्णय के बिना समाप्त हो गई। मंदिर कमैटी के पदाधिकारियों के इस रवैये पर निपुण जैन एडवोकेट ने रोष जताते हुए कहा कि सभी को समाज की बैठक में अपनी बात कहने का हक है और उनकी बात सुनी जानी चाहिए, लेकिन मंदिर कमैटी के पदाधिकारियों ने प्लानिंग करके उनके प्रस्ताव पर हंगामा किया है।