मेरठ। चुनावी सुधारों को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच मेरठ नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में हुई बोर्ड बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को समर्थन मिल गया। सांसद अरुण गोविल के प्रस्ताव पर जैसे ही बहुमत से मुहर लगी। पूरा सभागार ’जय श्री राम’ के नारों से गूंज उठा। बैठक में महापौर हरिकांत अहलूवालिया, ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज, भाजपा और विपक्षी दलों के पार्षद मौजूद रहे।
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लेकिन सियासी तापमान उस समय चढ़ गया जब एआईएमआईएम के पार्षद फजल करीम और मुस्लिम लीग के अन्य पार्षदों ने प्रस्ताव का बहिष्कार किया। विवाद तब और गरमा गया जब भाजपा पार्षद अरुण मचल ने फजल करीम से माइक छीन लिया। सभागार में कुछ देर तक तीखी नोकझोंक देखने को मिली, हालांकि मामला जल्द ही संभाल लिया गया।
सांसद अरुण गोविल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ‘हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव चलते रहते हैं, जिससे विकास की रफ्तार थमती है। अगर चुनाव एक साथ होंगे तो देश आगे बढ़ेगा और संसाधनों की भी बचत होगी। ‘ऊर्जा राज्य मंत्री तोमर ने बताया कि यह प्रस्ताव राज्य के सभी नगर निकायों से मांगा जा रहा है और इसकी रिपोर्ट पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति को भेजी जाएगी। महापौर अहलूवालिया ने इसे ’इतिहास में दर्ज होने वाला निर्णय’ बताते हुए कहा, “मेरठ नगर निगम ने देश के लिए एक मिसाल पेश की है। मोदी सरकार की सोच को ज़मीन पर समर्थन मिला है।