नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण उन्हें और उनके परिवारों को जीवन यापन के साधन जुटाने में कठिनाई आ रही है। शिक्षकों का कहना है कि उनके पास होली जैसे त्योहार के अवसर पर खर्च के लिए पैसे तक नहीं है।
इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने दिल्ली सरकार से तुरंत कॉलेजों को बकाया राशि देने की मांग की है। डूटा का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वेतन और अन्य बकायों के भुगतान की समुचित धनराशि के दावे गलत है।
डूटा अध्यक्ष का मानना है कि वेतन और अन्य बिलों के भुगतान को पूरा करने के लिए धन की भारी कमी है, दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित अधिकांश कॉलेज गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जारी राशि वास्तविक राशि से काफी कम है। उन्होंने मांग की है कि कर्मचारियों को वेतन और पेंशन का नियमित भुगतान किया जाना चाहिए।
डूटा अध्यक्ष प्रो एके भागी ने कहा कि शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारियों का वेतन संशोधन और पदोन्नति, चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति और एलटीसी के एरियर्स भी नहीं दिए गए हैं। कर्मचारियों को चिल्ड्रन एजुकेशन एलाउंस और पेंशन लाभ का भुगतान नहीं किया गया है।
दिल्ली सरकार के वित पोषित बारह कॉलेजों में सैकड़ों एड-हॉक शिक्षक काम कर रहे हैं जिनके पदों को मंजूरी नहीं दी जा रही है। अगर इन पदों को तुरंत स्वीकृति नहीं मिली तो नौकरी जाने के कगार पर है।
डूटा अध्यक्ष ने बताया कि इन समस्याओं को लेकर डूटा के बैनर तले शिक्षकों द्वारा कई प्रदर्शन भी आयोजित किए गए लेकिन दुर्भाग्य से स्थायी समाधान नहीं आ रहा है। डूटा अध्यक्ष के अनुसार ये कॉलेज आर्थिक रूप से बीमार हो गए हैं। इन कॉलेजों में पिछले कई सालों से यह दयनीय स्थिति जारी है। इस अनुदान कटौती के परिणामस्वरूप सामान्य रखरखाव भी खराब हुआ है। समुचित ग्रांट के अभाव में इन कॉलेजों के बुनियादी ढांचे और सामान्य स्वच्छता और प्रयोगशाला आदि गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
क्लास रूम सुविधाएं, साफ पानी, आडिटोरियम का रखरखाव, सेमिनार हॉल, उद्यान आदि की स्थिति भी दयनीय है। इसके कारण इन कॉलेजों के छात्र बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
डूटा अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार से तुरंत पर्याप्त फंड जारी कराने के लिए उपराज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है। डूटा ने यूजीसी के चेयरमैन को भी पत्र लिख कर मांग की है कि डीयू के अन्य कॉलेजों में शिक्षकों के एरियर्स और समय पर वेतन की राशि जारी की जानी चाहिए।