महोबा। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित पहाड़ों में ब्लास्टिंग (माइनिंग) होने से गांव की खेत बंजर हो रहे हैं और ग्रामीणों में धूल के गुबार से बीमार होने का खतरा बना रहता है। ब्लास्टिंग के कारण किसान लंबे समय से खेती में नुकसान उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने हैवी ब्लास्टिंग की जांच करा (माइनिंग) संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जिले के कबरई विकासखंड के गांव गंज के ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदारों द्वारा लंबे समय से गांव की समस्याओं को नजर अंदाज किया जा रहा है। उपेक्षाओं के कारण गांव की समस्याएं नासूर बनती जा रही हैं। गंज गांव के ग्रामीण संतोष त्रिपाठी, चंद्रपाल राणा, प्रदीप त्रिपाठी, महेंद्र कुमार भरत द्विवेदी, घसीटा कुशवाहा समेत अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के पहाड़ों पर अवैध हैवी ब्लास्टिंग हो रही हैं, जिसके कारण उनके घर तक हिल जाते हैं। ब्लास्टिंग से पत्थर उछलकर उनके खेतों में पहुंच रहे हैं। धूल के गुबार से खेत बंजर हो रहे हैं और ग्रामीण बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के आसपास दर्जनों की संख्या में क्रेशर संचालित हो रहे हैं। जहां सारा दिन धूल उड़ती रहती हैं। एनजीटी के निर्देशों के अनुसार क्रेशरों में काम के समय फब्बारा चलाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन अधिकांश क्रेशरों में फब्बारा बंद देखने को मिलते हैं। जिससे धूल का गुबार उड़ता रहता है और वहां से निकलने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने खनिज विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते अवैध हैवी ब्लास्टिंग और इन क्रेशरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जिससे यह सब एनजीटी के नियमों को धता बता क्रेशर संचालित कर रहे हैं। यह समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है और ग्रामीण बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।