मेरठ। ऊर्जा निगम की लापरवाही से गई छह लोगों की जान, चार सदस्यीय जांच कमेटी ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट
राली चौहान में छह कांवड़ियों की मौत के जिम्मेदार चिह्नित हो चुके हैं। डीएम की तरफ से बनाई चार सदस्यीय जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट में बताया गया कि गांव के बाहरी छोर पर खींची गई हाईटेंशन लाइन मानक के अनुसार नहीं है। इसीलिए 22 फीट ऊंचा म्यूजिक सिस्टम (डीजे ) हाईटेंशन लाइन से टकराया था।
अब सवाल है कि लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई होगी या नहीं? जांच कमेटी की रिपोर्ट को भावनपुर पुलिस विवेचना का हिस्सा बनाकर ऊर्जा निगम के जिम्मेदार अफसरों को भी आरोपित बना सकती है। 15 जुलाई को राली चौहान में भी छह कांवड़ियों की मौत के बाद भी डीएम दीपक मीणा ने एडीएम प्रशासन अमित कुमार के नेतृत्व में ही जांच कमेटी गठन किया था। जांच कमेटी को 48 घंटे में रिपोर्ट पेश करनी थी।
मानक के विपरीत थी हाईटेंशन लाइन
एडीएम प्रशासन अमित कुमार और एसपी यातायात जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सभी विभागों की तरफ से जांच पड़ताल की गई है। साथ ही गांव के लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज किए गए, जिसमें सामने आया कि ईंट का चट्टा बचाने के चक्कर में साइड से निकालने पर डीजे हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। हाईटेंशन लाइन मानक के अनुसार नहीं थी। मानक के अनुसार होती तो छह लोगों की जान नहीं जाती। जांच रिपोर्ट को कमेटी ने डीएम के सुपुर्द कर दिया है।
दूसरी ओर, एमडी पावर कारपोरेशन चैत्रा वी पहले ही प्रेस कांफ्रेंस में दावा कर चुकी हैं कि उनकी जांच ऊर्जा निगम की कोई लापरवाही सामने नहीं आई है। मानक के अनुसार लाइन खींची है। शट-डाउन के लिए कोई मौखिक या लिखित सूचना विभाग या कंट्रोल रूम को नहीं दी गई। हालांकि उन्होंने किसी अन्य विभाग को जिम्मेदार बताने कन्नी काट ली थी।