लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत अपने पुराने गौरव को पाने के लिए अग्रसर है। एक तरफ यह “सोने की चिड़िया” तो दूसरी तरफ विश्व गुरु भी विश्व की नजरों में दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत की सीमाएं सुरक्षित हुई हैं। वहीं गरीबों तक उनके लिए चलाई गयी हर योजना का लाभ पहुंचाने में सफलता मिली है। ये बातें उप्र सरकार की पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता स्वाती सिंह ने नरेन्द्र मोदी को जन्मदिन पर बधाई देते हुए कही।
आज ही केंद्र में मोदी 3.0 के कार्यकाल का 100 दिन भी पूरा हुआ है। पूर्व मंत्री स्वाती सिंह ने कहा कि इस सौ दिन में 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को आयुष्मान कार्ड बनाकर एक तरफ जहां बुजुर्गों के सेहत का ख्याल किया है। वहीं दुसरी तरफ अंतरिक्ष में भी रोज नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। वहीं मोदी सरकार गरीबों के लिए समर्पित है। स्वाती सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक तरफ जहां किसानों को वैज्ञानिक खेती के नए गुर सीखाने, उसका प्रचार करने पर जोर दिया। वहीं आजाद भारत के इतिहास में सर्वाधिक एमएसपी पर खरीद होने वाले अन्न पर पैसा बढ़ाकर किसानों का सम्मान किया है। किसानों के लिए किसान सम्मान निधि देकर प्रधानमंत्री ने किसानों की छोटी जरूरतों को पूरा किया।
स्वाती सिंह ने कहा कि आज विपक्ष जहां एक तरफ देश को तोड़ने में लगा है। वहीं प्रधानमंत्री ने राष्ट्र का नाम पूरे विश्व में रोशन करने का काम किया है। विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर रहा है, वहीं नरेन्द्र मोदी सकारात्मक राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। विपक्ष विदेशों में भारत की छवि धूमिल करना चाहता है, लेकिन प्रधानमंत्री के कारण भारत विश्व गुरु बढ़ने की ओर अग्रसर है।
स्वाती सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 10 साल के कार्यकाल में भारत विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है, जिससे विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है और हमारे देश के धार्मिक नगरों में पर्यटन को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया है। शायद ही कोई प्रधानमंत्री हुआ होगा, जो अपने लिए मिले गिफ्ट को भी देश के नाम समर्पित कर दिया हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ष अपने सभी गिफ्ट का निलामी कराकर उसका धन नमामि गंगे के नाम समर्पित कर देते हैं।