मेरठ। मौत के तीन साल दलित कमल सिंह को न्याय मिला। ड़े भू माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ थाना कंकरखेड़ा में FIR दर्ज हुई है। बताया जाता है कि भू माफ़ियाओं ने साज़िश षड्यंत्र रचकर दलित समाज के रिटायर्ड कर्मचारी कमल सिंह की भूमि पर कब्जा कर लिया था।
बताया जाता है कि भू माफियाओं का प्रभाव थाने से लेकर प्रशासन तक था। जिसके चलते पीड़ित कमल सिंह की रिपोर्ट दर्ज नहीं हो रही थी। तत्कालीन आईजी प्रवीण कुमार और ADG Zone राजीव सबरवाल के संज्ञान में मामला आया तो जाँच की कार्यवाही शुरू हुई। उसको भी दबंग भूमाफियाओं ने बाधित का प्रयास किया। जिस कारण मुक़दमा दर्ज नहीं हो पाया।
दलित कमल के परिजनों ने आंदोलन की चेतावनी दी तो उच्च अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया और स्थानीय पुलिस को मामले में कार्रवाई के लिए कहा। जिस पर एसपी सिटी पीयूष सिंह ने जाँच कर मुक़दमा क़ायम करने की संस्तुति की है। इसी मामले में 21 जुलाई 2019 को पीड़ित ने ज़हर खा लिया था। जिसके वीडियो बयान दर्ज हुए थे। लेकिन थाने में उपरोक्त आरोपियों के प्रभाव के कारण मुक़दमा दर्ज नहीं हो पाया था।
दंबग भू माफिया अखिलेश गोयल अन्य मुक़दमे में मेरठ जेल में है। जिसका लम्बा आपराधिक इतिहास है। वहीं सचिन अभी हाल में सरकारी जमीनों पर क़ब्ज़ा करने के मामले में जेल गया था जो जमानत पर है नीरज के विरुद्ध कई गंभीर आरोप पीड़ित पक्ष लगा रहा है।