Monday, January 27, 2025

दुश्मन भी जिस पर विश्वास करता है, वही साधु कहलाता है : मुरारी बापू

महाकुम्भ नगर । दुश्मन भी जिस पर विश्वास करता है, वही साधु कहलाता है। उन्होंने सत्य, प्रेम और करूणा के दिव्य संदेश के साथ सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुये कहा कि मानस का पवित्रतम पाठ जीवन को संजीवनी प्रदान करने वाला है। उन्होंने सभी को याद दिलाया कि श्रीराम की कथा केवल एक साहित्यिक काव्य नहीं, बल्कि यह अमूल्य खजाना है, जो हमारे जीवन को उच्च आध्यात्मिक दृष्टि और उन्नति प्रदान करता है।

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परमार्थ निकेतन शिविर प्रयागराज में रविवार को मानस कथा मर्मज्ञ मुराबी बापू के श्रीमुख से हो रही मानस कथा का विराम स्वामी चिदानन्द सरस्वती, आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और साध्वी भगवती सरस्वती की उपस्थिति में हुआ। गौरतलब है, नौ दिवसीय मानस महाकुम्भ के माध्यम से पूज्य बापू ने श्रीराम के जीवन के विविध पहलुओं पर दिव्यता व गहनता से प्रकाश डाला।

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इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि, आज मानस कथा का समापन हुआ और एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। पूज्य बापू ने हम सभी को मानस सामवेद कथा की शुरुआत का आशीर्वाद प्रदान किया। यह मानस कथा का विराम नहीं, यह एक नए अध्याय की शुरुआत है जो कथा श्रवण करने वालों के हृदय में नित नए रूप में समाती है और हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा, यह मानस कथा का विराम नहीं, यह जीवन के प्रत्येक मोड़ पर एक नए अध्याय की शुरुआत है।

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साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि, यह मानस कथा का समापन नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर की दिव्य शक्तियों व आत्मा को जगाने का एक नया प्रारंभ है। पूज्य बापू ने नौ दिनों तक हम सभी को जो संस्कार प्रदान किये हैं उन्हें अपने साथ प्रसाद स्वरूप लेकर जायें, यही इस दिव्य कथा का सार है।

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मानस कथा यजमान जसानी परिवार और विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालु गद्गद होकर अपने पूज्य संतों को विदा कर प्रस्थान हो रहे हैं। राष्ट्रसंत, मानस मर्मज्ञ पूज्य बापू के श्रीमुख से हो रही इस दिव्य मानस कथा के समापन के अवसर पर श्रद्धालुगण भाव-विभोर थे।

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