गाजियाबाद। वायनाड में भूस्खलन के बाद मलबे में दबे लोगों का पता करने के लिए एक्सपर्ट टीम ड्रोन और सेंसर से 48 घंटे का तलाशी अभियान शुरू करेगी। भारतीय वायुसेना ने सी-130 सुपर हरक्यूलिस में पांच सदस्यों की टीम ने हिंडन स्टेशन से उड़ान भरी। नोएडा की क्विक पे प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर राजीव रॉय ने अपने साथ चार ड्रोन कैमरे और अच्छी गुणवत्ता के सेंसर पैनल को लिया है। सेंसर की खासियत है कि टीम के सदस्य सात फुट नीचे तक मलबे में दबे लोगों का पता लगा सकते हैं लेकिन केरल आपदा प्रबंधन की तरफ उन्हें तीन फुट नीचे ड्रोन कैमरे से तलाशने को कहा है।
निजी फर्म के फाउंडर राजीव रॉय ने बताया कि उनकी टीम तमाम जगहों पर मलबे और अन्य जगहों पर फंसे लोगों को ड्रोन कैमरे व सेंसर से ढूंढने में सफल हो चुकी है। केरल के वायनाड में भूस्खलन के बाद मलबे में दबने से अभी तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 206 से अधिक लोग लापता हैं। उनकी तलाश के लिए केरल सरकार की तरफ से केरल आपदा प्रबंधन ने बीती रात उनसे संपर्क किया था, जिसमें राज्य सरकार के अधिकारी ने उन्हें तीन फुट नीचे दबे लोगों का पता करने के लिए कहा है।
टीम ने विमान से हिंडन वायुसेना स्टेशन से केरल के कालीकट के लिए उड़ान भरी। उनका कहना है कि फर्म में दस से अधिक ऐसे ड्रोन कैमरे और सेंसर पैनल हैं, जो मलबे में दबे लोगों का आसानी से पता लगा सकते हैं। हिंडन स्टेशन से दोपहर 12:42 बजे उड़ान भरने से पहले वायुसेना के अधिकारियों ने सामान की जानकारी की। इस बीच राजीव का कहना था कि वायनाड में उनकी टीम 48 घंटे तक तलाशी अभियान चलाकर केरल सरकार की मदद करेगी।