नई दिल्ली। भारतीय मसालों और उनके उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर रिकॉर्ड 4.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मसाला बोर्ड के हाल में जारी आंकड़ों से पता चला है कि निर्यात किये जाने वाले मसालों की मात्रा और कीमतों, खासकर लाल मिर्च, इलायची और हल्दी, में इस बढ़ोतरी के कारण निर्यात से प्राप्त आय बढ़ी है। इसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश से 15,39,692 टन मसालों का निर्यात हुआ था जिनकी कीमत 36,958.80 करोड़ रुपये (4.46 अरब डॉलर) है। लाल मिर्च का निर्यात रिकॉर्ड 1.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2022-23 के 1.3 अरब डॉलर से 15 प्रतिशत अधिक है।
यह देश के कुल मसाला निर्यात का 34 प्रतिशत है। इसकी सबसे ज्यादा मांग चीन और बांग्लादेश से आई। मात्रा के आधार पर भी लाल मिर्च का निर्यात 5.24 लाख टन से 15 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 6.01 लाख टन पर पहुंच गया। केडिया एडवाइजरी के अनुसार, भारतीय लाल मिर्च का सबसे बड़ा आयातक चीन था जिसने पूरे वित्त वर्ष के दौरान 1.79 लाख टन की खरीद की। इसका कुल मूल्य 4,123 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2022-23 में चीन ने 3,408 करोड़ रुपये की 1.57 लाख टन लाल मिर्च का आयात किया था।
इस प्रकार मूल्य के आधार पर इसमें 21 प्रतिशत और मात्रा के आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बांग्लादेश को लाल मिर्च का निर्यात 67 प्रतिशत बढ़कर 90,570 टन पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2022-23 में यह 53,986 टन था। केडिया की एडवाइजरी में कहा गया है, “बड़े आयातक देशों से मांग बढ़ने से वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के लाल मिर्च का निर्यात अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया। निर्यात में उछाल, विशेषकर चीन और बांग्लादेश से, भारतीय मसालों की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता को दिखाता है।