सहारनपुर। मस्जिदों एवं दरगाह पर लाउडस्पीकरो को जिला प्रशासन द्वारा उतरने एंव वर्ग विशेष को प्रताड़ित करने के विरोध में आज मुत्ताहिदा मजलिस ए अमल एक प्रतिनिधि मण्डल नगर मजिस्ट्रेट से मिला और राष्ट्रपति एंव राज्य पाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।
आज मुत्ताहिदा मजलिस ए अमल के मौलाना शाहिद मजाहिर के नेतृत्व मे जिला मुख्यालय पहुँचे। प्रतिनिधि मण्डल ने नगर मजिस्ट्रेट गजेन्द्र सिंह से भेंट की। प्रतिनिधि मण्डल ने उन्हें राष्ट्रपति एंव राज्यपाल को सम्वोधित ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि प्रतिनिधि मंडल ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि है एक तरफा मस्जिदों व दरगाहों आदि पर से लाउडस्पीकरों को पुलिस प्रशासन द्वारा उतरवाए जा रहे हैं। जो कि गंभीर विषय है। उन्होनें मांग करते हुए कहा कि जिस न्यायालय के आदेश की बात कहकर पुलिस प्रशासन यह कार्यवाही कर रहा है।
प्रशासन ने कोर्ट के इस की कापी उपलब्ध कराए, या इसे समाचार पत्रों में प्रकाशित करायें। प्रतिनिधि मंडल रोष प्रकट करते हैं कि उप राष्ट्रपति निष्पक्ष और धर्म निरपेक्ष की भूमिका अदा नहीं कर रहे हैं, जिस प्रकार संघ परिवार के बहुत लोग सामूहिक जगहों पर एक कोने में नमाज पढ़ने पर हंगामा करके पाबंदी लगवाते हैं।राष्ट्रपति से मांग है कि वह अपने विशेष अधिकार से इस वक्फे को बहाल करें।
प्रतिनिधिमंडल मथुरा की शाही ईदगाह व बनारस की ज्ञान वापी मस्जिद पर निचली अदालतों से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक बाद एक आदेशों व सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन आदेशों को निरस्त करने पर गहरी चिंता व रोष व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग कि वह अदालतों और सरकारी एजेंसियों को इस बात के लिए पाबंद करें कि वे अपने क्षेत्राधिकार में रहते हुए निष्पक्ष तरीके से काम करें। बनारस की ज्ञान वापी मस्जिद समेत इसी तरह के अन्य धार्मिक स्थलों पर आये या आने वाले दावों को खारिज किया जायें।
उन्होने एनसीआरटी द्वारा केन्द्र सरकार की सिफारिश पर कक्षा 6 से 12 के पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत को आवश्यक रूप से शामिल किया जाने की आलोचना कर कहा कि यदि यह ही जरूरी है तो सभी धर्माे की कुरान पाक, बाइबिल व गुरु ग्रंथ साहिब आदि को भी पाठ्यक्रम में जरूरी तौर पर शामिल किया जाय। ज्ञापन देने वालों में प्रोफ़ैसर पीरज़ादा शेरशाह आज़म, क़ारी शमीम शमीम काशफ़ी पीकी, ताजदार ख़ान, आरिफ़ ख़ान,एम.जमाल असलम, हाफ़िज़ सईद, हाफ़िज़ उवैस, अब्दुल मन्नान, असद ख़ान, मुस्तक़ीम, मौलाना अज़ीज़ुल्ला नदवी, मुफ़्ती अताउर्रमान क़ासमी व क़ारी अब्दुल रहीम आदि रहे।