आंखें पूरे शरीर की तुलना में ईश्वर द्वारा दी गई सबसे सुंदर, मनमोहक एवं नाजुक रचना हैं। यूं तो इंसान का पूरा तन ही ईश्वर ने अच्छी तरह से बनाया है, परन्तु आंखों पर कुछ अधिक ही ध्यान दिया है। चाहे प्यार हो, गुस्सा हो, किसी को मनाना हो, किसी से आंखें चुराना हो या आंखें दिखाना हो, यह सब काम बस आंखों के इशारों से ही व्यक्त हो जाता है।
हमारी आंखें कुछ कहने के लिये अभिव्यक्ति का माध्यम तो हैं ही, साथ ही ये व्यक्तित्व को भी दर्शाती हैं।
कवियों, शायरों एवं गजल कहने वालों ने अपनी गजलों और गीतों में आंखों को न जाने क्या-क्या उपमाएं दी हैं। किसी की आंखें मोहिनी हैं तो किसी की कजरारी, किसी की शराबी तो किसी की मृगनयनी लेकिन यदि यही आंखें चमकहीन, उनींदी एवं बीमार सी लगने लगें तो इनकी तारीफ कौन करेगा, जरा सोचिए।
हम चाहते हैं कि हमारे नयन सुंदर, स्वस्थ एवं बोलते से दिखें तो इनकी देखभाल पर ध्यान देना होगा। इसके लिये कोई कठोर देखभाल एवं स्पेशल खानपान की जरूरत नहीं है। बस कुछ बातों का ध्यान रखने से ही इन्हें आकर्षक एवं मनभावन बनाये रखा जा सकता है।
सुबह उठकर आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारिए। इससे नेत्रों में ताजगी आती है और थकान मिटती है।
जहां तक हो सके, टेबल पर झुककर तथा बिस्तर पर लेटकर पढ़ाई न करें। इससे आंखों पर तनाव पड़ता है।
आंखों को व्यायाम के रूप में अच्छी एवं गहरी नींद दें। प्रतिदिन कम से कम एक बार आंखों को फैलाकर पुतलियों को सीधे एवं उल्टी दिशा में तथा गोलाई में हल्का-हल्के से घुमाएं। इससे आंखों को आराम मिलता है।
सूर्यग्रहण के समय, अत्यधिक तेज रोशनी में तथा अल्ट्रा वायलेट रोशनी को नंगी आंखों से न देखें। इसके लिये अच्छी किस्म के चश्मों का प्रयोग करें। कभी-कभी तेज रोशनी से आंखों की दृष्टि भी जा सकती है।
यदि कभी काम की अधिकता के कारण आंखों में जलन एवं थकावट महसूस हो रही हो तो इन्हें बंद करके गुलाबजल में भीगी रूई इन पर रखें।
रात को सोने से पूर्व यदि संभव हो तो दृष्टि को कुछ देर आकाश या तारों पर जमा कर रखें। इससे नेत्रों में शीतलता का अहसास होता है।
आंखों के स्वास्थ्य की दृष्टि से रोना अच्छी कसरत है। जब आंसू आयें तो खुलकर रो लें। इससे आंखों का मैल प्राकृतिक रूप से साफ होता है।
आंखों में खानपान के तौर पर पोषण हेतु विटामिन ‘ए’ के साथ ‘बी’, ‘सी’ एवं ‘डी’ का भी सेवन अवश्य करना चाहिए। गाजर, मक्खन, संतरा आदि खूब खाना चाहिए।
अगर इस प्रकार नेत्रों की देखभाल की जाये तो आंखें निश्चित ही सुंदर और स्वस्थ बनी रहेंगी परंतु विशेष दर्द, सूजन या चोट लगने पर देर न करके नेत्र विशेषज्ञ को शीघ्र दिखाएं।
-अजय विकल्प’