नोएडा। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बीते कई दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में आपसी फूट पड़ गई है। बताया जाता है कि 10 संगठनों द्व इस आंदोलन को संचालित किया जा रहा था, लेकिन किसान यूनियन के प्रमुख घटक भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और कई संगठनों ने अब इस धरना-प्रदर्शन से किनारा कर लिया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज सुबह को हमारे संवाददाता से बातचीत के दौरान बताया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन और समस्याओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिन पूर्व एक हाई पावर 5 सदस्ययी कमेटी का गठन किया है। उन्होंने कहा कि उनका मत है कि किसान संगठन के लोग हाई पावर कमेटी के लोगों से धरना स्थल पर ही बातचीत करें, तथा अपनी मांगों को उनके सामने प्रमुखता से रखें।
उनके अनुसार धरना-प्रदर्शन के अलावा अधिकारियों और सरकार के नुमाइंदों से बात करके ही किसानों की समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कुच करने से समस्या का हल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली कुच के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के सभी संगठनों का एक होना जरूरी है, तभी दिल्ली कुच सफल हो पाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं से उन्होंने कहा कि वह समिति के लोगों से बात करें लेकिन कुछ नेता इस बात के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि इस वजह से भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) इस प्रदर्शन से अलग हो गया है। अन्य किसान संगठन अपने हिसाब से जो भी करना चाहते हैं वह करें।
सूत्रों के अनुसार इसके अलावा भी कुछ किसान संगठनों ने अपने आप को इस धरना- प्रदर्शन से अलग कर लिया है। उनका भी मत है कि सरकार द्वारा बनाई गई समिति के सामने अपना पक्ष रखें तथा किसानों की मूल समस्या को हल करवाएं। बड़े किसान नेताओं का मानना है कि हल टकराव से नहीं आपसी बातचीत से होगा। वहीं कुछ किसान नेताओं का मानना है कि समिति बनाकर सरकार ने एक लॉलीपॉप दिया है। पहले भी हाई पावर कमेटी बनी थी, लेकिन उसका नतीजा शिफर रहा। बताया जाता है कि किसान संगठनों के आपसी फूट के चलते आने वाले दिनों में किसानों का धरना प्रदर्शन फीका पड़ सकता है।